बिजली बिल भुगतान के नाम पर आनलाइन ठगी, दुर्ग पुलिस ने किया जामताड़ा गिरोह का पर्दाफाश, एक सपडाया

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। बिजली बिल भुगतान के नाम पर आनलाइन ठगी करने वाले आरोपी गिरोह का दुर्ग पुलिस द्वारा पर्दाफाश किया गया है। इस गिरोह के मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है। वहीं अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है। गिरोह झारखंड के जामताड़ा में बैठ कर इस साइबर ठगी को अंजाम देता था।

साइबर ठगी के इस मामले की शिकायत सुंदर नगर को को का निवासी पुष्पेन्द्र गजेन्द्र ने चौकी स्मृतिनगर थाना सुपेला में 14 जुलाई को की थी। शिकायत में बताया गया था कि 10 जुलाई को उनके मोबाईल नम्बर पर एक अज्ञात व्यक्ति के मोबाईल नम्बर से व्हाट्सअप मैसेज आया कि आप का बिजली कनेक्शन काट दिया जायेगा बिजली बिल जमा नहीं हुआ है। यदि बिजली कनेक्शन कटने से रोकना चाहते है तो हमारे द्वारा दिये गये बिजली विभाग के मोबाईल नम्बर पर अधिकारी से बात करें। तब प्रार्थी द्वारा व्हाट्सअप पर भेजे गये मोबाईल नम्बर पर सम्पर्क करने पर अपने आप को बिजली विभाग का कर्मचारी बताते हुये बिजली कनेक्शन काटने से रोकने हेतु अपने वरिष्ठ अधिकारी से बात करने को बोलकर एक नया मोबाईल नम्बर दिया गया। जिस पर प्रार्थी के द्वारा सम्पर्क करने पर उसके द्वारा Quick Support नामक एप्लीकेशन डाउनलोड कराया गया। जिसके बाद प्रार्थी के बैंक खाते से 1,48,030 रुपए की रकम कट गयी।

शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एसपी डॉ अभिषेक पल्लव के निर्देश पर पड़ताल के लिए टीम का गठन किया गया।  4 टीम द्वारा प्रार्थी से विस्तृत पूछताछ कर आवश्यक जानकारी जुटाकर तकनीकी आधार पर अज्ञात आरोपी द्वारा घटना में इस्तेमाल किये गये मोबाईल नम्बरों का विश्लेषण किया गया। आरोपी द्वारा रकम ट्रांसफर करने के लिये उपयोग में लाये गये बैंक खातों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की गयी। जिसके परिणाम स्वरूप कुछ और मोबाईल नम्बर बैंक खातों से रजिस्टर्ड होना पता चला । घटना में प्रयुक्त तकरीबन सभी मोबाईल फोन घटना के बाद बंद हो चुके थे, किन्तु गहन तकनीकी विश्लेषण के परिणाम स्वरूप आरोपी मोबाईल धारक की उपस्थिति झारखण्ड के जामताड़ा के आस – पास होना पता चला। जिससे एण्टी क्राईम एवं सायबर युनिट एवं थानों की एक संयुक्त टीम ने जामताड़ा रवाना किया गया।

टीम द्वारा जामताड़ा से 50 कि.मी. दूर पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्र में अपना ठिकाना बनाकर आरोपी की पतासाजी के प्रयास शुरू किये गये। जामताड़ा में बाहरी वाहन या व्यक्तियों की उपस्थिति पता चलने पर आरोपी तक पहुँच पाना संभव नहीं था, इसलिए टीम के सदस्यों ने यह ठिकाना बनाया। टीम द्वारा अपने वाहन का नम्बर प्लेट बदलकर तथा अपनी वेशभूषा को स्थानीय वेशभूषा के समान बनाकर पतासाजी व निगरानी की जा रही थी । इसी दौरान स्थानीय स्तर पर जानकारी जुटाने पर आरोपी की पहचान मुकेश मण्डल पिता सुरेश मण्डल उम्र 27 वर्ष निवासी ग्राम झिलुवा टोला , खरबनी थाना नारायणपुर जामताड़ा ( झारखण्ड ) के रूप में सुनिश्चित की जा सकी। आरोपी के संबंध में अन्य विस्तृत जानकारी जुटाने पर पता चला कि आरोपी मुकेश मण्डल वर्ष 2020 में सायबर ठगी के किसी मामले में पूर्व स्थानीय जामताड़ा पुलिस द्वारा पकड़कर जेल भेजा गया था। उक्त जानकारी के आधार पर स्थानीय पुलिस से संपर्क कर आरोपी का फोटो प्राप्त किया गया । फोटो प्राप्त हो जाने के उपरांत टीम द्वारा आरोपी की पतासाजी उसके आने – जाने के मार्गों, उठने – बैठने के स्थानों पर लगातार निगरानी रखी जा रही थी। आरोपी के संबंध में यह भी जानकारी टीम को मिली थी कि वह प्रतिदिन एक मटन की दुकान पर मटन खरीदने शाम के समय आता है। जिससे टीम मटन दुकान के पास स्थानीय ग्रामीण पहनावे में मौजूद रहकर आरोपी पर नजर रखे हुये थी। इसी दौरान शाम करीब 05:30 बजे आरोपी एक काले रंग की पल्सर मोटर सायकल में आया और मटन दुकान से मटन खरीदने लगा तभी आस – पास मौजूद टीम के सदस्यों द्वारा घेराबंदी कर आरोपी मुकेश मण्डल को पकड़ा गया।
आरोपी मुकेश मण्डल की निशानदेही पर उसके घर से घटना में प्रयुक्त 02 नगः एण्ड्रायड मोबाईल व सिम कार्ड 01 नग लैपटॉप , 02 नग की – पेड मोबाईल फोन , 03 नग मोबाईल फोन के खाली डिब्बे तथा ठगी गई रकम 35,500 / – रु बरामद कर जप्त किया गया। प्रकरण के अन्य आरोपी अजय मण्डल , अक्षय उर्फ पिन्टू मण्डल , रंजीत मण्डल की पतासाजी उनके निवास में दबिश देकर की गयी किन्तु मुकेश मण्डल के पकड़े जाने की जानकारी मिलने के कारण उक्त आरोपी फरार हो गये। फरार आरोपियों की पतासाजी सायबर पुलिस स्टेशन जामताड़ा के सहयोग से की जा रही है । आरोपी मुकेश मण्डल को जामताड़ा से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमाण्ड पर दुर्ग लाया गया । जिसे माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर पुलिस रिमाण्ड लिया गया है ।
प्रकरण में अग्रिम कार्यवाही चौकी स्मृतिनगर थाना सुपेला द्वारा की जा रही है। मामले में सम्पूर्ण कार्यवाही में पुलिस अधीक्षक , दुर्ग के निर्देशन में एण्टी काईम एण्ड सायबर यूनिट दुर्ग से एएसआई शमित मिश्रा, हेडकांस्टेबल संतोष मिश्रा, चन्द्रशेखर बजीर, कांस्टेबल शहबाज खान, राकेश चौधरी, भावेश पटेल, विक्रांत यदु , जावेद खान एवं दिनेश विश्वकर्मा एवं चौकी स्मृति नगर से एएसआई बाबूलाल साहू , थाना भिलाई नगर से एएसआई सुरेन्द्र सिंह राजपूत, कांस्टेबल सुशील चौधरी की उल्लेखनीय भूमिका रही।
वारदात का तरीका
आरोपी प्रारंभिक पूछताछ पर गुमराह करता रहा परन्तु टीम द्वारा सघन एवं तथ्यात्मक तकनीकी आधार पर पूछताछ करने पर आरोपी मुकेश मण्डल ने बताया कि वह कक्षा 9 वीं तक पढ़ा है। आस – पास के गांव के लोगों से सायबर ठगी का तरीका सीखकर , अपनी स्वयं की एक टीम बनाकर सायबर ठगी का काम करता है। आरोपी ने बताया कि वह अपने साथी अजय मण्डल , अक्षय उर्फ पिन्टू मण्डल तथा रंजीत मण्डल के साथ मिलकर काम करता है। मुकेश मण्डल Google के कस्टमर केयर से Developer से संपर्क करके 12 % नाम की एक App ID Create कराता है और उससे मोबाईल नम्बरों का डाटा खरीदता है Developer द्वारा 1000-1500 रूपये में 10,000 मोबाईल नम्बरों का डाटा उपलब्ध करा दिया जाता है इसके बाद अजय मण्डल और अक्षय मण्डल बिजली विभाग का कर्मचारी व अधिकारी बनकर मोबाईल फोन पर Whatsapp पर बिजली बिल बकाया होना, जमा नहीं करने पर बिजली कनेक्शन कट जाने का मैसेज भेजते है और साथ ही बिजली कनेक्शन कटने से बचाने के लिये बिजली विभाग के कर्मचारी व अधिकारी का सम्पर्क मोबाईल नम्बर देते हैं। जिस पर प्रार्थी से फोन करने पर Quick support नाम का एक एप्लीकेशन प्रार्थी के मोबाईल पर डाउनलोड कराया जाता है और प्रार्थी के मोबाईल का एक्सेस आरोपियों द्वारा अपने मोबाईल फोन पर लेकर प्रार्थी के बैंक खातों से रकम अपने फर्जी नाम व पता से विभिन्नखातों में ट्रांसफर करा लिया जाता है । रंजीत गण्डल बैंक अकाउण्ट का प्रबंधन व संचालन करता है। ठगी की रकम को आपस में बांट लेते है।