बस्तर में बह रही बदलाव की बयार, विकास की दिशा में बढ़ रहा तेजी से आगे : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत बस्तर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री ने आज पत्रकारों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि बस्तर बदल रहा, विकास की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। हम विश्वास विकास सुरक्षा को लेकर कार्य कर रहे हैं। हमारे कार्यों से लोगों का विश्वास बढ़ा है, नक्सल पीछे हटे हैं।

उन्होंने कहा कि बस्तर के जन-जीवन मे बड़ा परिवर्तन आया है, भू-जल का उपयोग बढ़ा है। नालों को रिचार्ज करने की जरूरत है। पेयजल उपलब्धता के लिए हम घर-घर नल लगा रहे, बस्तर में ज़्यादा काम करने की ज़रूरत है। बस्तर में अब बैंकों की मांग हो रही है, जबकि यहां कभी बैंक की मांग नही होती थी, यह अच्छा संकेत है।
उन्होंने बताया कि वन संसाधन और वनाधिकार पट्टे दिए जा रहे, फलदार वृक्ष से पेड़ कटाई रुकेगी।अब ज्यादा से ज्यादा फलदार वृक्ष लगाने पर जोर दिया जा रहा है।कोंडागांव में भी गारमेंट के कार्य हो रहे, सभी को रोजगार मिल रहा है। गौठानों को रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के रूप में बदला जाएगा। जहां गोबर खरीदी के साथ-साथ अन्य एक्टिविटी भी किया जाएगा। जिससे लोगो के पास पैसा जाएगा। गोबर से पेंट उत्पादन, बिजली, गोठान में तेल पेराई मशीन स्थापित कर कई रोजगार मूलक कार्य हो रहे।
उन्होंने कहा भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के अंतर्गत कल मैंने कोंडागांव विधानसभा क्षेत्र में लोगों से भेंट-मुलाकात की। लोगों से सीधी बातचीत कर योजनाओं का फीड बैक लिया। बस्तर में रुझान खेती की तरफ बढ़ा, सिंचाई की मांग बढ़ी है। लोक संस्कृति को बचाने के लिए हम घोटूल और देवगुड़ी के जीर्णोद्धार का कार्य कर रहे हैं।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कोंडानार गारमेंट फैक्ट्री द्वारा निर्मित कपड़ो से लदे ट्रक को किया रवाना। साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में कोंडागांव जिला प्रशासन और नेचरएस्केप के मध्य बांस से सामग्री बनाने, आर्टिजन रिसोर्स सेंटर का निर्माण करने और उपयोगी शिल्प वाली कलाकृतियों का प्रशिक्षण देने एमओयू हुआ।