नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नितिश कुमार ने, वर्ष 1947 में देश को मिली आजादी को ‘भीख’ बताने संबंधी बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के बयानों का मजाक बनाते हुए इनकी अनदेखी कर देनी चाहिए। इस बारे में पूछे गए सवाल पर नीतीश ने कहा, ‘इसे कोई कैसे प्रकाशित कर सकते हैं? इसके मायने क्या हैं क्या इसे नोटिस भी किया जाना चाहिए, क्या इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए? कौन नहीं जानता कि हमने आजादी कब हासिल की।
उन्होंने कहा ऐसे बयानों को जीरो इर्म्पोटेंस दी जानी चाहिए। यहां तक कि हमने इसका मजाक बनाना चाहिए। ये लोग प्रचार हासिल करने के लिए ऐसी बातें करते हैं। मैं ऐसे लोगों पर ध्यान नहीं देता। मेरा ध्यान इन चीजों पर नहीं रहता।”
बता दें कि कंगना ने हाल ही में एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि भारत को सही मायने में आजादी 2014 में मिली थी जब पीएम नरेंद्र मोदी सत्ता में आए। हमें जो आजादी 1947 में मिली थी, वह ‘भीख’ थी। 34 वर्षीय कंगना इससे पहले भी विवादित बयानों के लिए चर्चा में रही हैं। विवादित बयानों के लिए वे माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर पर प्रतिबंधित हैं। विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने कंगना के इस बयान को देश के स्वाधीनता संग्राम और स्वाधीनता सेनानियों का अपमान बताते हुए उन पर राजद्रोह का केस चलाने की मांग की हैह बाद में कंगना ने अपने बयान को लेकर सफाई देते हुए कहा था ‘जहां 2014 में आजादी मिलने से संबंध है मेरा यह कहना था कि भले ही भौतिक रूप से हमारे पास आजादी हो लेकिन भारत की चेतना और विवेक 2014 में ‘आजाद’ हुआ ‘