नींव अधिगम संवर्धन कार्यक्रम, स्कूली बच्चों को घर जाकर किया गया पाठ्यपुस्तक का वितरण

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जिले के 200 स्कूलों में कक्षा पहली और दूसरी में भाषा शिक्षण हेतु नींव अधिगम संवर्धन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कोविड महामारी के चलते सभी स्कूल मार्च से ही बंद है। कोरोना बचाव के साथ-साथ बच्चे घर से ही अपनी पढाई जारी रख सकें, इसी सोच के साथ ही दुर्ग जिले के जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास सिंह बघेल के नेतृत्व में तथा लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन संस्था के तत्वाधान में अगस्त माह में हर घर स्कूल कार्यक्रम प्रारंभ हुआ।

इस कार्यक्रम में दुर्ग और पाटन ब्लाक के 200 शालाओ में कक्षा दूसरी के 4 हजार 6 सौ 64 बच्चों को पठन और लेखन के लिए पुस्तिका घर-घर जाकर वितरित किया गया है। इन स्कूलों से सम्बद्ध पहली और दूसरी कक्षाओं को पढ़ाने वाले 400 शिक्षकों को वेबेक्स के माध्यम से वर्चुअल उन्मुखीकरण किया गया है। सभी 200 गाँवों के करीब 425 स्वयं सेवकों के द्वारा अन्य कक्षाओं के साथ कक्षा पहली और दूसरी के बच्चों को रोज कहानियां सुनाई जाती है। उन्हें वर्ण मात्रा, कार्ड, ग्रिड से भाषा शिक्षण कराया जाता है। प्रतिदिन लेखन पुस्तिका से अभ्यास कराया जाता है। बच्चे पढ़ने का भी अभ्यास कर रहे हैं। और ऐसा कहा जाता है की “करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान” तो इस प्रकार से बच्चे लगातार घर पर ही अभ्यास कर रहे है, और परिणाम आशा के अनुरूप मिल रहे है। इस साल कक्षा दूसरी में पहुंचे बहुत से बच्चे छोटे-छोटे वाक्य पढ़ लेते है, जबकि अधिकांश बच्चे शब्दों को समझ कर पढ़ लेते हैं। इस महामारी के दौरान जहाँ शिक्षकों ने विपरीत परिस्थितियों में अपनी प्रतिभा दिखाई वही गाँव के स्वयं सेवकों का इन बच्चो को समर्पित भाव से विद्या का दान प्रेरणादायी है।

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