छत्तीसगढ़ में कलेक्टर कर सकेंगे शासकीय भूमि का आवंटन एवं व्यवस्थापन, कब्जाधारियों को मिलेगी राहत

रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि पर काबिज लोगों के साथ ही अन्य लोगों को आवासीय अथवा व्यावसायिक या अन्य प्रयोजन हेतु शासकीय भूमि सहजता से आवंटित हो सके इसके लिए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए है। जिसके तहत शासकीय भूमि के आवंटन एवं व्यवस्थापन के संबंध में राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ राजस्व पुस्तक परिपत्र के खण्ड चार-एक एवं खण्ड चार-2 के प्रावधानों में आंशिक संशोधन करते हुए इसे अब और सरल करते हुए कलेक्टर को अधिकार प्रत्यायोजित किए गये है। इससे जिला स्तर पर भूमि आवंटन एवं व्यवस्थापन के मामलों को पूरी पारदर्शिता के साथ सहजता एवं शीघ्रता से निराकृत किया जा सकेगा। भूमि आवंटन की सरलीकृत प्रक्रिया का लाभ कब्जाधारियों सहित अन्य इच्छुक लोगों को मिल सकेगा।
राज्य शासन द्वारा केन्द्र तथा राज्य के विभागों और निगमों, मंडलों एवं आयोगों को शासकीय भूमि के आवंटन का अधिकार कलेक्टरों को दिया गया है। नगरीय क्षेत्रों में 7500 वर्गफीट तक शासकीय भूमि का 30 वर्षीय पट्टे पर आवंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का अधिकार भी कलेक्टरों को दिया गया है। 7500 वर्गफीट से अधिक शासकीय भूमि के आवंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का अधिकार राज्य सरकार को होगा।
नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा अधिसूचित विकास योजना के अनुरूप ही नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि का आवंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि का व्यवस्थापन हो सकेगा। नगरीय निकायों को व्यावसायिक प्रयोजन के लिए भू-खण्ड का आवंटन हेतु प्रब्याजि का निर्धारण प्रचलित गाईड लाइन के 25 प्रतिशत के बराबर मूल्य पर किया जाएगा। शासकीय भूमि का आबंटन किसी व्यक्ति या संस्था को करते समय देय प्रब्याजि का निर्धारण प्रचलित गाईडलाईन के आधार पर किया जाएगा। इसी तरह किसी शासकीय भू-खण्ड के आवंटन हेतु दो या दो से अधिक व्यक्ति अथवा संस्था का आवेदन प्राप्त होने पर प्रचलित गाईडलाईन के दर पर निर्धारित की गई प्रीमियम दर को आफसेट मानते हुए नीलामी के माध्यम से सर्वाधिक बोली लगाने वाले को किया जाएगा। राज्य शासन ने भूमि स्वामी या पट्टेदार को भू-भाटक की अदायगी के मामले में भी विशेष रियायती दी है। भू-भाटक की राशि का 15 वर्ष का एकमुश्त भुगतान करने पर भूमि स्वामी या पट्टेदार को आगामी 15 वर्ष (16वें वर्ष से 30वें वर्ष तक) के भू-भाटक से छूट रहेगी। शासन की इस रियायत से प्रति वर्ष भू-भाटक के भुगतान की कठिनाईयों से भी लोगों को राहत मिलेगी।

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