नई दिल्ली, 09 जून 2025।
भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty – IWT) पर सभी प्रकार की बातचीत तब तक के लिए स्थगित कर दी है, जब तक इस्लामाबाद आतंकवाद के मुद्दे पर ठोस कार्रवाई नहीं करता और संधि में व्यापक सुधार नहीं होता। यह निर्णय 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, के बाद लिया गया है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सैयद अली मुर्तजा ने भारत की जल संसाधन सचिव देबाश्री मुखर्जी को कई पत्र भेजकर बातचीत की अपील की है। लेकिन भारत ने इनमें से किसी पत्र का जवाब नहीं दिया है और साफ किया है कि जब तक आतंकवाद पर ठोस कदम नहीं उठाए जाते और संधि में संशोधन नहीं होता, तब तक कोई संवाद नहीं होगा।
IWT को भारत ने रखा है “अस्थायी स्थगन” में
भारत ने 1960 की IWT को “अबेयेंस” (अस्थायी स्थगन) में रखते हुए पाकिस्तान को आधिकारिक रूप से इसकी जानकारी दी थी। यह संधि विश्व बैंक की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई थी, जिसमें सिंधु नदी प्रणाली के जल वितरण का प्रावधान है।
संधि के तहत रावी, ब्यास और सतलुज को भारत के लिए (पूर्वी नदियां) और सिंधु, झेलम और चिनाब को पाकिस्तान के लिए (पश्चिमी नदियां) माना गया है।
जल संसाधनों के पूर्ण उपयोग की योजना
भारत अब इस संधि के तहत अपने हिस्से के जल का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए एक अध्ययन शुरू करने की योजना बना रहा है। इस अध्ययन में नवीन जल संरचना के विकास, जल उपयोग की दक्षता और भारत के अधिकारों की पूर्ण प्राप्ति को केंद्र में रखा जाएगा।
भारत का यह रुख पाकिस्तान पर दबाव बनाने और आतंकवाद पर प्रभावी कार्रवाई को प्राथमिकता देने की रणनीति का हिस्सा है।
