पटना, 26 मई 2025
बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में तेज प्रताप यादव की अगली राजनीतिक चाल को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और अपने परिवार से निष्कासित किए जाने के बाद तेज प्रताप ने अब तक कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, जिससे राजनीतिक हलकों में और भी जिज्ञासा बढ़ गई है।
तेज प्रताप के पिता लालू प्रसाद यादव ने हाल ही में उन्हें पार्टी और परिवार दोनों से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसका मुख्य कारण उनकी अनुष्का यादव के साथ लंबे समय से चले आ रहे संबंधों का सोशल मीडिया पर सार्वजनिक होना बताया जा रहा है। तेज प्रताप ने दावा किया कि उनका सोशल मीडिया अकाउंट हैक हुआ है और यह सब उनके विरोधियों की साजिश है। हालांकि, लालू यादव ने स्वयं पुष्टि की कि फोटो और संदेश वास्तविक हैं और तेज प्रताप का आचरण परिवार की मर्यादा और मूल्यों के खिलाफ है।
तेज प्रताप की इस हरकत को लेकर उनके भाई तेजस्वी यादव ने भी पिता के फैसले का समर्थन किया, जिससे परिवार में दरार और अधिक गहराती दिख रही है। तेज प्रताप पहले भी पार्टी लाइन के खिलाफ बयान देकर RJD के लिए असहज स्थिति पैदा करते रहे हैं और उन्होंने तेजस्वी यादव की नेतृत्व क्षमता पर सवाल भी उठाए थे।
अब, पार्टी से छह साल के लिए निष्कासन और पारिवारिक तिरस्कार के बाद, तेज प्रताप अपने राजनीतिक भविष्य की नई राह तलाशते दिख रहे हैं। उन्होंने पहले 2015 में ‘सेक्युलर सेवक संघ (DSS)’ की स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य RSS की विचारधारा का मुकाबला कर समाज में सर्वधर्म समभाव और सौहार्द को बढ़ावा देना था। बाद में 2021 में ‘छात्र जनशक्ति परिषद (CJP)’ नाम से एक गैर-राजनीतिक युवा संगठन भी शुरू किया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप अपनी नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा कर सकते हैं या DSS और CJP को एक राजनीतिक प्लेटफॉर्म में बदल सकते हैं, जिससे वे अपना अलग जनाधार और विचारधारा खड़ी कर सकें।
बिहार की राजनीति में यह घटनाक्रम एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है, विशेष रूप से आगामी विधानसभा चुनावों के संदर्भ में।
