रायपुर, 8 अप्रैल 2025: नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. ने आज मंत्रालय में आयोजित एक अहम बैठक में मिशन अमृत 2.0 के अंतर्गत चल रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कार्यों में देरी और लापरवाही को लेकर अधिकारियों और निर्माण एजेंसियों को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि बारिश से पहले सभी अधूरे कार्य हर हाल में पूरे किए जाएं, अन्यथा लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में मिशन अमृत 2.0 के नोडल अधिकारी, अभियंता, कंसल्टेंट्स, निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधि और SUDA के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। डॉ. बसवराजु ने कहा कि कार्यों में अनावश्यक देरी से केंद्र सरकार की अनुदान राशि प्रभावित होगी, जिससे राज्य सरकार पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। उन्होंने निर्धारित समय सीमा मार्च 2026 तक मिशन के सभी कार्यों को पूर्ण करने के निर्देश दिए।

स्थलीय निरीक्षण और नियमित समीक्षा के निर्देश
सचिव ने SUDA के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे फील्ड में जाकर कार्यों की गुणवत्ता और प्रगति का निरीक्षण करें, और प्रत्येक कार्य के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान तैयार कर उसकी नियमित समीक्षा करें।
निर्माण एजेंसियों को चेतावनी
डॉ. बसवराजु ने कहा कि जनवरी 2024 के बाद से परियोजना के लिए ₹300 करोड़ जारी किए गए हैं और मार्च 2025 तक कोई भुगतान लंबित नहीं है। इसके बावजूद जमीनी स्तर पर प्रगति न होना चिंताजनक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब उदासीनता या लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मिशन अमृत 2.0: राज्य की प्राथमिकता
प्रदेश के 36 नगरीय निकायों में पेयजल परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें से 29 में कार्यादेश जारी हो चुके हैं। यह मिशन केंद्र और राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है और इसकी नियमित समीक्षा भारत सरकार और उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव द्वारा की जा रही है।
बैठक में SUDA के सीईओ श्री शशांक पांडेय, उप महाप्रबंधक श्री रमेश सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
