छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को मिला बूस्ट: GSDP में 7.51% की बढ़ोतरी, प्रति व्यक्ति आय में भी इजाफा

छत्तीसगढ़ विधानसभा में शुक्रवार को आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें प्रदेश की अर्थव्यवस्था में मजबूती के संकेत मिले हैं। रिपोर्ट के अनुसार, स्थिर मूल्यों पर छत्तीसगढ़ के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में 7.51% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 में प्रति व्यक्ति आय 1,62,870 रुपये तक पहुंचने की संभावना है।

GSDP में अनुमानित वृद्धि

योजना, आर्थिक और सांख्यिकी विभाग के मंत्री ओपी चौधरी द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया कि अग्रिम अनुमानों के अनुसार, स्थिर मूल्यों (आधार वर्ष 2011-12) पर छत्तीसगढ़ का जीएसडीपी 2024-25 में 7.51% की दर से बढ़ सकता है। 2023-24 में यह अनुमानित रूप से 3,06,712 करोड़ रुपये था, जो 2024-25 में बढ़कर 3,29,752 करोड़ रुपये हो सकता है।

कृषि और उद्योग क्षेत्र में भी ग्रोथ

रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के कृषि और संबद्ध क्षेत्रों (कृषि, पशुपालन, वानिकी, मत्स्य पालन) में 5.38% और उद्योग क्षेत्र (खनन, निर्माण, विनिर्माण, बिजली, गैस, जलापूर्ति) में 6.92% की वृद्धि होने की उम्मीद है। इससे साफ है कि राज्य के उत्पादन और औद्योगिक गतिविधियों में तेजी देखी जा रही है।

सर्विस सेक्टर में सबसे तेज वृद्धि

छत्तीसगढ़ के सेवा क्षेत्र (Service Sector) में 2023-24 की तुलना में 8.54% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। अग्रिम अनुमानों के अनुसार, मौजूदा मूल्य पर जीएसडीपी वित्त वर्ष 2024-25 में 5,67,880 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है, जबकि 2023-24 में यह अनुमान 5,12,107 करोड़ रुपये था। इसका मतलब है कि मौजूदा मूल्यों पर अर्थव्यवस्था 10.89% की दर से बढ़ने वाली है।

प्रति व्यक्ति आय में भी बढ़ोतरी

सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, 2024-25 में प्रति व्यक्ति आय (Net State Domestic Product Per Capita) बढ़कर 1,62,870 रुपये तक पहुंचने की संभावना है। यह 2023-24 में 1,48,922 रुपये थी, यानी इसमें 9.37% की वृद्धि हो रही है।

छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था की मजबूती के संकेत

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था की सकारात्मक प्रगति को रेखांकित किया गया है। जीएसडीपी में निरंतर वृद्धि, औद्योगिक गतिविधियों में तेजी और प्रति व्यक्ति आय में इजाफा प्रदेश की आर्थिक सेहत को दर्शाता है। सरकार की नीतियां और योजनाएं यदि सही दिशा में आगे बढ़ती रहीं, तो आने वाले वर्षों में यह आंकड़े और बेहतर हो सकते हैं।

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