छत्तीसगढ़ में वेटलैंड संरक्षण और प्रबंधन को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैंड प्राधिकरण की द्वितीय बैठक आयोजित की गई। यह बैठक वन मंत्री एवं अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैंड प्राधिकरण की अध्यक्षता में राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान स्थित मेडिसिनल प्लांट बोर्ड हॉल में संपन्न हुई। बैठक में वन मंत्री केदार कश्यप, छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वी. श्रीनिवासन, जल संसाधन विभाग के सचिव राजेश सुकुमार टोप्पो, तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
वेटलैंड संरक्षण के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश
वन मंत्री ने सभी जिलों की जिला वेटलैंड संरक्षण समितियों को अपने क्षेत्रों में वेटलैंड संरक्षण और संवर्धन के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने को कहा। इसके अलावा, अन्य राज्यों में वेटलैंड प्राधिकरण के सदस्य सचिवों के वित्तीय अधिकारों का अध्ययन कर संशोधित प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिए गए।
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रामसर स्थलों की पहचान और नए प्रस्ताव
बैठक में राज्य के महत्वपूर्ण वेटलैंड स्थलों की पहचान के लिए अहम निर्णय लिए गए। बिलासपुर के कोपरा जलाशय और बेमेतरा के गिधवा-परसदा वेटलैंड कॉम्प्लेक्स को रामसर स्थलों के रूप में चिन्हित करने की स्वीकृति दी गई। इसके अलावा, एनपीसीए योजना के तहत प्राकृतिक तालाबों के चयन और नए प्रस्ताव प्रस्तुत करने पर भी चर्चा हुई।
तकनीकी समिति और शिकायत समिति में नए समावेश
प्रस्तावित तकनीकी समिति में आवास एवं पर्यावरण विभाग और मत्स्य विभाग को शामिल करने की अनुशंसा की गई, जिससे विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय हो सके। वहीं, शिकायत समिति में छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैंड प्राधिकरण के सदस्य सचिव और शहरी विकास विभाग के निदेशक को जोड़ने का सुझाव दिया गया।
विधिक परामर्श और नीतिगत अध्ययन
बैठक में वेटलैंड (संरक्षण एवं प्रबंधन) नियम 2017 और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का कानूनी विश्लेषण करवाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए एडवोकेट जनरल कार्यालय से विधिक परामर्श लेने और अन्य राज्यों में अपनाई जा रही नीतियों का अध्ययन करने की बात कही गई।
राज्य में वेटलैंड संरक्षण का महत्व
छत्तीसगढ़ में कई प्राकृतिक और कृत्रिम जलाशय, तालाब और जल स्रोत वेटलैंड का रूप लिए हुए हैं, जो जैव विविधता के संरक्षण और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। गिधवा-परसदा और कोपरा जलाशय जैसे वेटलैंड प्रवासी पक्षियों के लिए उपयुक्त स्थल हैं, जहां हर वर्ष हजारों पक्षी प्रवास के लिए आते हैं। वेटलैंड संरक्षण को लेकर किया जा रहा यह प्रयास जैव विविधता, जल संसाधन प्रबंधन और सतत विकास को बढ़ावा देगा।
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