छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नए दुकान और स्थापना अधिनियम को लागू करने के फैसले को व्यापारियों और आम नागरिकों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। इस कानून के तहत दुकानदारों को बिना समय सीमा के दुकानें खोलने की अनुमति दी गई है, जिससे व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा
राज्य सरकार का यह कदम ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को मजबूत करेगा। नए नियमों से छोटे व्यापारियों को राहत, पंजीयन प्रक्रिया में सरलता और कर्मचारियों के अधिकारों का बेहतर संरक्षण सुनिश्चित होगा। पहले से पंजीकृत दुकानों को 6 महीने के भीतर श्रम पहचान संख्या (LIN) प्राप्त करनी होगी, हालांकि इसमें अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा।
सातों दिन और 24 घंटे खुली रहेंगी दुकानें
अब व्यापारी अपनी दुकानें सप्ताह के सातों दिन और 24 घंटे खोल सकते हैं। पहले, दुकानों को सप्ताह में एक दिन अनिवार्य रूप से बंद रखना पड़ता था, लेकिन नए अधिनियम के तहत यह अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। हालांकि, सरकार ने सुनिश्चित किया है कि कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश मिलेगा और उनसे 8 घंटे से अधिक काम नहीं कराया जाएगा।
श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा प्राथमिकता
सरकार ने व्यापारिक स्वतंत्रता के साथ श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया है। दुकानदारों को श्रम कल्याण से जुड़े सभी नियमों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। किसी भी कर्मचारी से 8 घंटे से अधिक कार्य नहीं कराया जा सकेगा और श्रम कल्याण संबंधी सभी प्रावधानों को लागू करना अनिवार्य होगा।
आर्थिक सशक्तिकरण और राजस्व वृद्धि
इस अधिनियम से राज्य की आर्थिक गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा। व्यापारियों को अधिक स्वतंत्रता और सुविधा मिलेगी, जिससे छत्तीसगढ़ में व्यापारिक गतिशीलता और राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी। यह कदम राज्य में व्यापार और उद्योगों के लिए एक बड़ा सुधार साबित होगा और एक मजबूत एवं समावेशी आर्थिक प्रणाली की नींव रखेगा।
शराब दुकानों पर लागू नहीं होगा नया नियम
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह अधिनियम शराब दुकानों पर लागू नहीं होगा। अन्य सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को इसका लाभ मिलेगा, जिससे बाजार में बेहतर उपभोक्ता सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
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