रायपुर: छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण का मतदान सोमवार को संपन्न हुआ, जिसमें करीब 76% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे लोकतंत्र की बड़ी जीत करार दिया और कहा कि यह पहली बार है जब नक्सलियों ने पंचायत चुनाव का विरोध नहीं किया।
40 साल बाद पहली बार बिना नक्सली विरोध के हुआ मतदान
सीएम साय ने कहा, “40 वर्षों में पहली बार सुकमा और बीजापुर के सबसे नक्सल प्रभावित 130 से अधिक मतदान केंद्रों पर लोगों ने निर्भय होकर मतदान किया।” उन्होंने बताया कि सुपरवर्ती, कुख्यात नक्सली कमांडर हिडमा के गांव में भी लोगों ने बढ़-चढ़कर मतदान किया। उन्होंने इसे नक्सलवाद की हार और लोकतंत्र की विजय बताया।
सीएम साय ने कहा, “अब बस्तर में नक्सलियों की गोलियों की जगह लोकतंत्र की ताकत आगे बढ़ रही है। पहली बार बस्तर में पंचायत चुनाव बिना किसी नक्सली विरोध के संपन्न हुए हैं।”
नए सुरक्षा कैंपों से मजबूत हुआ सुरक्षा तंत्र
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह सफलता राज्य में 40 से अधिक नए सुरक्षा कैंपों की स्थापना के कारण संभव हो पाई। हाल ही में 13 फरवरी को बीजापुर के पुजारिकांकर में सीआरपीएफ फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस स्थापित किया गया, जिससे बीजापुर से उसर और पामेड़ को जोड़ने वाली सड़क निर्माण में सहायता मिलेगी।
2026 तक नक्सलवाद मुक्त बस्तर का लक्ष्य
सीएम साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प के अनुसार, मार्च 2026 तक बस्तर को नक्सलवाद से मुक्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह आतंक के खिलाफ लोकतंत्र की जीत है। जय बस्तर, जय छत्तीसगढ़!”
निष्कर्ष
पहले चरण में ऐतिहासिक मतदान के साथ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोकतंत्र की नई शुरुआत हुई है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य सरकार अपने ‘नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़’ के लक्ष्य को कैसे प्राप्त करती है।
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