रायपुर: कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) की छत्तीसगढ़ स्थित सहायक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) ने वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) के लिए अपने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) बजट से अधिक राशि आवंटित कर विभिन्न सामाजिक विकास परियोजनाएं शुरू की हैं। कंपनी ने ₹99.76 करोड़ के निर्धारित CSR बजट से अधिक ₹170 करोड़ की राशि को मंजूरी दी है।
SECL के 39 कोयला खदानें छत्तीसगढ़ में और 25 मध्यप्रदेश में स्थित हैं। कंपनी के प्रवक्ता के अनुसार, यह राशि स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल विकास परियोजनाओं पर खर्च की जाएगी। इन परियोजनाओं को अगले 2-3 वर्षों में पूरा करने की योजना है, और ₹77 करोड़ के समझौता ज्ञापन (MoU) पहले ही 2025 में हस्ताक्षरित किए जा चुके हैं।
मुख्य CSR पहलें
- एनआईटी रायपुर में 500-बेड गर्ल्स हॉस्टल: SECL ने ₹48.19 करोड़ की लागत से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) रायपुर में एक 500-बेड वाली छात्रावास सुविधा के निर्माण का करार किया है।
- कोरबा मेडिकल कॉलेज के लिए MRI मशीन: लेट बिसाहू दास महंत स्मृति मेडिकल कॉलेज, कोरबा में ₹28.08 करोड़ की लागत से 3.0 टेस्ला MRI मशीन उपलब्ध कराई जाएगी।
- मध्य प्रदेश में कुपोषण से निपटने के लिए वित्तीय सहायता: SECL ने मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में कुपोषण, एनीमिया और सिकल सेल एनीमिया की जांच और उपचार के लिए ₹30.92 करोड़ की वित्तीय सहायता दी है।
SECL की धड़कन – बच्चों के इलाज के लिए विशेष पहल
SECL ने अपनी प्रमुख सामाजिक पहल “SECL की धड़कन” के दूसरे चरण की शुरुआत की है। यह “कोल इंडिया का नन्हा सा दिल” कार्यक्रम का विस्तार है।
SECL के निदेशक (कार्मिक) बीरांची दास के अनुसार, “इस कार्यक्रम के तहत 60 बच्चों की जन्मजात हृदय दोष (Congenital Heart Defects) की सफल सर्जरी कराई गई है।” SECL ने इस योजना के लिए ₹4.71 करोड़ की राशि मंजूर की है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में 300 से अधिक बच्चों का इलाज किया जाएगा।
CSR में अग्रणी भूमिका
SECL के CSR पहल को लेकर बीरांची दास ने कहा, “हम समुदायों को सशक्त बनाने में विश्वास रखते हैं। हमारी शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास योजनाएं कोयलांचल क्षेत्रों के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए तैयार की गई हैं।”
आगे की योजनाएं
SECL आने वाले वर्षों में अपनी CSR योजनाओं को और मजबूत करने पर ध्यान देगा, जिससे कोलफील्ड क्षेत्रों में स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं का व्यापक विकास हो सके।
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