दुर्ग (छत्तीसगढ़): दुर्ग जिले के अमलेश्वर थाना क्षेत्र में 16 फरवरी को कथित धर्मांतरण को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। हिंदू संगठनों ने एक घर में ईसाई प्रार्थना सभा के नाम पर धर्मांतरण किए जाने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इस हंगामे के बाद पुलिस ने 97 लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें से पूछताछ के बाद तीन लोगों के खिलाफ धार्मिक परिवर्तन कानून के तहत मामला दर्ज किया गया।
क्या है पूरा मामला?
अयोध्या नगर की निवासी मीनाक्षी शर्मा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि डॉ. विनय साहू, कृष्णकांत कुर्रे और धल सिंह साहू अमलेश्वर में अपने घर में धर्मांतरण करा रहे थे। मीनाक्षी ने आरोप लगाया कि इस प्रार्थना सभा में हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ कथित आपत्तिजनक बातें कही गईं और उपस्थित लोगों पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बनाया गया।
इस घटना की खबर फैलते ही हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गए और घर को घेरकर नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि गरीब और निर्दोष लोगों को बहला-फुसलाकर उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की गंभीरता को देखते हुए दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला को सूचना दी गई, जिसके बाद उन्होंने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया। पुलिस अधिकारियों के समझाने के बावजूद प्रदर्शनकारी नहीं हटे और कड़ी कार्रवाई की मांग करने लगे।
इसके बाद पुलिस ने 97 लोगों को हिरासत में लिया और पूछताछ के बाद डॉ. विनय साहू, कृष्णकांत कुर्रे और धल सिंह साहू पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 299 और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया। इन तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
ASP अभिषेक झा का बयान
17 फरवरी को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) अभिषेक झा ने बताया कि एक प्रार्थना सभा के दौरान धर्मांतरण की शिकायत मिली थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और जांच जारी है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस प्रकरण में और कौन-कौन लोग शामिल थे और क्या यह कोई संगठित धर्मांतरण गिरोह का हिस्सा है। पुलिस की जांच पूरी होने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
