नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को आयकर विधेयक 2025 (Income Tax Bill 2025) को लोकसभा में पेश किया। इस नए विधेयक का उद्देश्य भारत में कर कानूनों की भाषा को सरल बनाना और करदाताओं के लिए कर भुगतान व रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को आसान बनाना है। हालांकि, इस दौरान संसद में जोरदार हंगामा हुआ और विपक्षी सांसदों ने विधेयक का विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट किया।
विपक्ष ने जताई आपत्ति
लोकसभा में केरल के कोल्लम से सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने इस विधेयक पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें 1961 के आयकर अधिनियम की तुलना में अधिक धाराएं शामिल की गई हैं। इस पर वित्त मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि पुराने कानून में समय के साथ 4,000 से अधिक संशोधन किए गए, जिससे इसकी जटिलता बढ़ गई थी।
उन्होंने कहा, “1961 में लागू किए गए आयकर अधिनियम में केवल 298 धाराएं थीं, लेकिन वर्षों में संशोधन के बाद यह बढ़कर 819 धाराओं तक पहुंच गया। अब इसे घटाकर 536 किया जा रहा है।”
तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद प्रोफेसर सौगत रॉय ने नए विधेयक में किए गए बदलावों को “सतही बदलाव” बताया, जिस पर निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया, “ये बदलाव सिर्फ यांत्रिक नहीं हैं, बल्कि महत्वपूर्ण हैं। शब्दों की संख्या आधी कर दी गई है। इसे सरल अंग्रेजी और हिंदी में लिखा गया है।”
विधेयक जाएगा सेलेक्ट हाउस कमेटी के पास
वित्त मंत्री ने सुझाव दिया कि इस नए आयकर विधेयक 2025 को एक नवगठित सेलेक्ट हाउस कमेटी (Select House Committee) को भेजा जाए। उन्होंने कहा कि इस कमेटी की शर्तें और नियम लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला तय करेंगे।
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