दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की शानदार जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर करारा प्रहार किया। शनिवार शाम बीजेपी मुख्यालय में आयोजित विजय समारोह में उन्होंने कांग्रेस को “परजीवी पार्टी” करार दिया और उस पर अपने सहयोगियों का एजेंडा और मतदाता चुराने का आरोप लगाया।
कांग्रेस को बताया “परजीवी पार्टी”
पीएम मोदी ने कहा, “मैं पहले भी कह चुका हूं कि कांग्रेस एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। जब यह खुद डूब रही होती है, तो अपने सहयोगियों को भी साथ डुबो देती है।” उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस विभिन्न राज्यों में अपने सहयोगियों का एजेंडा चुराकर उनके मतदाताओं को टारगेट कर रही है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (SP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP), तमिलनाडु में द्रमुक (DMK) और पश्चिम बंगाल तथा जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की रणनीति को लेकर भी सवाल उठाए।
“कांग्रेस का साथ विनाशकारी”
पीएम मोदी ने कहा, “जो भी कांग्रेस का हाथ पकड़ता है, उसका अंत निश्चित है। यह वही कांग्रेस नहीं है जो आजादी से पहले थी। यह अब ‘अर्बन नक्सल’ राजनीति कर रही है और अराजकता फैलाना चाहती है। ‘AAP-दा’ (AAP) भी यही कर रही थी, और जनता ने इसे पूरी तरह नकार दिया।”
INDIA गठबंधन पर भी साधा निशाना
पीएम मोदी ने विपक्षी INDIA गठबंधन पर भी निशाना साधते हुए कहा कि यह गठबंधन विफल साबित हुआ है। जून 2023 में गठित इस मोर्चे का उद्देश्य बीजेपी को टक्कर देना था, लेकिन 14 बड़े चुनावों में यह कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाया। अपवाद के रूप में केवल लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को 300 से कम सीटों पर रोकना ही इसकी एकमात्र उपलब्धि रही।
AAP-कांग्रेस गठबंधन की खटास बनी हार की वजह?
दिल्ली लोकसभा चुनाव में AAP और कांग्रेस ने गठबंधन किया था, लेकिन यह बीजेपी को रोकने में असफल रहा। हरियाणा और दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले भी दोनों दलों के बीच सीटों को लेकर सहमति नहीं बन सकी, जिससे बीजेपी को फायदा मिला। विश्लेषकों का मानना है कि अगर AAP और कांग्रेस का वोट प्रतिशत जोड़ा जाए, तो यह बीजेपी से अधिक होता, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इससे चुनाव परिणाम पर कोई असर पड़ता या नहीं।
मोदी युग में विपक्ष के लिए मुश्किल राह
विशेषज्ञों का मानना है कि एक संगठित विपक्षी गठबंधन ही बीजेपी के चुनावी वर्चस्व को चुनौती दे सकता है, लेकिन अभी तक ऐसा कोई मजबूत गठबंधन नहीं बन पाया है। पीएम मोदी की प्रभावशाली रणनीति और बीजेपी की चुनावी मशीनरी विपक्ष को लगातार कमजोर कर रही है।
