छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर में शुक्रवार तड़के एक नृशंस हत्या की घटना सामने आई। नक्सलियों ने पूर्व सरपंच और इस बार के पंचायत चुनाव में प्रत्याशी जोगा बारसे (52) की उनके घर में घुसकर हत्या कर दी।
रात के अंधेरे में नक्सलियों का हमला
जानकारी के अनुसार, जोगा बारसे अपने परिवार के साथ घर में सो रहे थे, जब 6-8 नकाबपोश नक्सली जबरन उनके घर में घुसे और बेरहमी से उनकी हत्या कर दी। उनके 22 वर्षीय बेटे राजेश बारसे ने बताया कि नक्सलियों ने दरवाजा तोड़कर उनके पिता को पकड़ लिया। जब उन्होंने विरोध किया तो उन्हें चाकू दिखाकर धमकाया गया और परिवार के अन्य सदस्यों को कमरे में बंद कर दिया गया। नक्सलियों ने उनकी मां को भी थप्पड़ मारा और घर से बाहर धकेल दिया।
राजेश ने बताया, “यह पूरी तरह से एक सुनियोजित हत्या थी। हमने रात में ही पुलिस को फोन किया, लेकिन पुलिस सुबह पहुंची।”
पुलिस ने सुरक्षा खतरे की खबर से इनकार किया
इस घटना को लेकर दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने कहा कि पुलिस को बारसे को लेकर किसी तरह की पूर्व सूचना या खतरे की शिकायत नहीं मिली थी। जोगा बारसे की पत्नी भी पूर्व सरपंच रह चुकी हैं।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और नक्सलियों का इरादा
बारसे पहले बीजेपी से जुड़े थे, लेकिन बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे और इस पंचायत चुनाव में कांग्रेस का समर्थन उन्हें प्राप्त था। नक्सली लंबे समय से ग्रामीण क्षेत्रों में अपना दबदबा बनाए रखने के लिए चुनाव लड़ने वाले नेताओं और पूर्व जनप्रतिनिधियों को निशाना बनाते रहे हैं।
हफ्ते भर में दूसरी हत्या, इस साल बस्तर में छठी वारदात
अरनपुर इलाके में बीते एक हफ्ते में यह दूसरी हत्या है। 4 फरवरी को भी एक 30 वर्षीय व्यक्ति की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। इस साल की शुरुआत से ही बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा हत्या की यह छठी घटना है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल 68 नागरिक नक्सल हमलों, आईईडी धमाकों और गोलीबारी में मारे गए थे।
नक्सल प्रभावित इलाकों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव
कुछ दिन पहले, जब अरनपुर रोड पर आईईडी धमाके में 10 डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) जवान शहीद हुए थे, तब जोगा बारसे ने कहा था कि “यहां के अधिकतर घरों में बिजली नहीं है, जल संकट गहरा गया है, और शिक्षा की स्थिति दयनीय है। कॉलेज जाने वाले कई छात्रों ने पढ़ाई छोड़ दी है, और हाई स्कूल भी दो किलोमीटर दूर है।”
यह घटना पंचायत चुनाव से ठीक पहले हुई है, जिससे इलाके में दहशत और तनाव का माहौल बन गया है। पुलिस और सुरक्षा बलों ने इलाके में नक्सल विरोधी अभियान तेज कर दिए हैं।
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