महाराष्ट्र सरकार ने सभी सरकारी कार्यालयों में मराठी भाषा को अनिवार्य कर दिया है। सोमवार को जारी एक आदेश में स्पष्ट किया गया कि सरकारी कार्यालयों में अब केवल मराठी में आधिकारिक संचार होगा। यह नीति मार्च 2023 में घोषित की गई थी, जिसे अब औपचारिक रूप से लागू कर दिया गया है।
सरकारी अधिकारियों को मराठी में बात करनी होगी
सरकार के आदेश के अनुसार, सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी, स्थानीय निकायों और सरकारी निगमों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को मराठी में बात करना अनिवार्य होगा।
यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी मराठी में संवाद नहीं करता है, तो उसके खिलाफ विभागीय प्रमुख को शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। यदि विभागीय प्रमुख कार्रवाई नहीं करता है, तो मामला राज्य विधानसभा की मराठी भाषा समिति के समक्ष अपील के रूप में भेजा जा सकता है।
सभी सरकारी विज्ञापन और साइनबोर्ड मराठी में होंगे
नई नीति के तहत, राज्य सरकार के सभी आवेदन पत्र, सरकारी विज्ञापन और साइनबोर्ड केवल मराठी में ही प्रकाशित किए जाएंगे।
तीन-भाषा नीति के अनुरूप नया नियम
महाराष्ट्र सरकार का यह आदेश केंद्र सरकार की तीन-भाषा नीति के अनुरूप है, जिसमें अंग्रेजी, हिंदी और संबंधित क्षेत्रीय भाषा का समावेश अनिवार्य किया गया है।
मराठी भाषा को बढ़ावा देने की पहल
महाराष्ट्र सरकार का यह कदम मराठी भाषा को सशक्त बनाने और सरकारी कामकाज में इसे प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
