नई दिल्ली: 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री द्वारा पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट 2025 को लेकर देशभर में उत्सुकता है। पिछले चार केंद्रीय बजटों में व्यक्तिगत कर ढांचे में कई अहम बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों से करदाताओं को राहत देने और कर प्रणाली को सरल बनाने की कोशिश की गई है।
पिछले बजट के मुख्य बिंदु:
- रियायती कर प्रणाली (CTR) को बढ़ावा:
- अधिक आकर्षक बनाने के लिए अधिकतम मार्जिनल टैक्स दर को 42.744% से घटाकर 39% किया गया।
- मानक कटौती (Standard Deduction) की शुरुआत।
- कर स्लैब में बदलाव।
- नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS):
- निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एनपीएस में नियोक्ता के योगदान पर कटौती 12% से बढ़ाकर 14% की गई।
- पूंजीगत लाभ कर (Capital Gains Tax) में सुधार:
- संपत्ति वर्गों का सरलीकरण।
- दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के लिए सरचार्ज को आसान बनाया गया।
- होल्डिंग पीरियड को सरल बनाया गया।
- डिजिटलीकरण पर जोर:
- आयकर रिटर्न की प्रक्रिया का औसत समय FY 2023-24 में घटकर 10 दिन हो गया।
- वार्षिक जानकारी विवरण (AIS) और कर सूचना सारांश (TIS) के माध्यम से करदाताओं के लिए डेटा पारदर्शिता बढ़ाई गई।
- कर संग्रह और स्रोत पर कर कटौती:
- स्रोत पर एकत्रित कर (TCS) को वेतन पर स्रोत पर कर कटौती (TDS) के खिलाफ समायोजित करने की अनुमति।
करदाताओं की अपेक्षाएं:
इस बजट से उम्मीद की जा रही है कि सरकार व्यक्तिगत करदाताओं को और अधिक राहत प्रदान करने के लिए रियायती कर प्रणाली को और आकर्षक बनाएगी। साथ ही, डिजिटल माध्यमों को और अधिक मजबूत करते हुए करदाताओं का अनुभव बेहतर बनाने की दिशा में काम किया जाएगा।