रायपुर स्थित हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (HNLU) में गुरुवार को चौथा महात्मा गांधी मेमोरियल लेक्चर आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम शहीद दिवस के अवसर पर आयोजित हुआ, जिसका विषय “कानून और न्याय पर गांधीजी के विचारों की शाश्वत प्रासंगिकता” था। मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर (डॉ.) आर. वेंकट राव, वाइस चांसलर, IIULER गोवा और प्रतिष्ठित न्यायविद प्रोफेसर, HNLU ने इस विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
गांधीजी की अहिंसा और सत्य की प्रासंगिकता पर चर्चा
HNLU के कुलपति प्रोफेसर विवेकानंद ने उद्घाटन भाषण में गांधीजी के दर्शन अहिंसा (Non-Violence) और सत्याग्रह (Truth) पर प्रकाश डाला और इनकी आज के युग में प्रासंगिकता पर बल दिया। उन्होंने प्रोफेसर आर. वेंकट राव को एक उपयुक्त वक्ता बताते हुए उनका स्वागत किया।
प्रो. आर. वेंकट राव का व्याख्यान
प्रो. वेंकट राव ने अपने व्याख्यान में गांधीजी के कानून और न्याय के क्षेत्र में योगदान और उनकी नैतिक दृष्टिकोण पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि गांधीजी न केवल एक राजनीतिक नेता थे, बल्कि एक उत्कृष्ट कानूनी विचारक भी थे।
- गांधीजी का मानना था कि न्याय सत्य और सामाजिक कल्याण के साथ जुड़ा होना चाहिए।
- उन्होंने नैतिक वकालत, समझौते को प्राथमिकता देने और समाज की सेवा को व्यक्तिगत लाभ से ऊपर रखने की बात कही।
- गांधीजी का दृष्टिकोण था कि कानूनी पेशा विवाद को सुलझाने का माध्यम होना चाहिए, न कि संघर्ष बढ़ाने का।
- प्रोफेसर राव ने गांधीजी के औद्योगिकीकरण और नगरीकरण के अंधाधुंध विकास की आलोचना, विकेंद्रीकृत शासन की वकालत, और विवाद समाधान में मध्यस्थता के महत्व को भी रेखांकित किया।
कार्यक्रम की प्रमुख बातें
- HNLU जर्नल ऑफ लॉ एंड सोशल साइंसेज (Volume X – Issue II) का विमोचन कार्यक्रम के दौरान किया गया।
- कार्यक्रम का स्वागत भाषण प्रो. (डॉ.) योगेंद्र श्रीवास्तव, डीन, पीजी स्टडीज ने दिया।
- डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव, रजिस्ट्रार (आई/सी) ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
- कार्यक्रम का संचालन अंतिम वर्ष के छात्र विनीत बचवानी ने किया।
HNLU की वार्षिक परंपरा
महात्मा गांधी मेमोरियल लेक्चर HNLU की 2022 में शुरू हुई वार्षिक परंपरा का हिस्सा है, जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों को छात्रों और समाज के बीच प्रसारित करने का उद्देश्य रखती है। यह लेक्चर श्रृंखला आधुनिक शासन और नेतृत्व के लिए गांधीजी के सिद्धांतों को प्रेरित और शिक्षित करने का एक महत्वपूर्ण मंच बन चुकी है।