रायपुर: छत्तीसगढ़ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और चार निजी कंपनियों के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के मामले में एफआईआर दर्ज की है। यह मामला 2023 में चिकित्सा उपकरणों और रसायनों की खरीद में हुए घोटाले से जुड़ा है, जिससे राज्य को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।
क्या है मामला?
एफआईआर के अनुसार, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (CGMSCL) और स्वास्थ्य सेवाएं निदेशालय के अधिकारियों ने चार निजी कंपनियों के साथ मिलकर अनियमित तरीके से खरीद की। मार्च-अप्रैल 2023 में किए गए इन उपकरणों और रसायनों की खरीद का उचित मांग आकलन या स्वास्थ्य केंद्रों की जरूरतों का ध्यान नहीं रखा गया।
जांच के दौरान सामने आया कि खरीदारी से पहले यह सुनिश्चित नहीं किया गया कि स्वास्थ्य केंद्रों पर इन उपकरणों के उपयोग के लिए भंडारण, बिजली आपूर्ति जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं या नहीं। कुल ₹411 करोड़ की खरीदारी बिना आवश्यक अनुमोदन और मानक प्रक्रियाओं का पालन किए की गई।
छापेमारी और बरामदगी
ACB और EOW की टीमों ने 27 जनवरी को रायपुर, दुर्ग और हरियाणा में कई स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और बैंकिंग से संबंधित जानकारी बरामद की गई।
क्या कहा ACB ने?
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “एफआईआर में किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया गया है, लेकिन जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी उजागर हुई है। यह घोटाला जिला और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डायग्नोस्टिक सेंटर स्थापित करने के लिए उपकरणों और रसायनों की खरीद से जुड़ा है।”
सीजीएमएससीएल और स्वास्थ्य निदेशालय का पक्ष लंबित
इस मामले पर छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (CGMSCL) और स्वास्थ्य सेवाएं निदेशालय का बयान अब तक सामने नहीं आया है।