वक्फ संशोधन विधेयक को संसदीय समिति की मंजूरी, विपक्ष ने लगाया पक्षपात का आरोप

नई दिल्ली: वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में बदलाव लाने वाले वक्फ संशोधन विधेयक को सोमवार को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने मंजूरी दे दी। समिति ने विधेयक में 14 संशोधनों को शामिल किया है, जबकि विपक्ष द्वारा सुझाए गए बदलावों को मतदान के दौरान खारिज कर दिया गया।

प्रमुख बिंदु:

  1. 44 संशोधन प्रस्ताव:
    समिति में पेश किए गए कुल 44 संशोधनों में से 14 को मंजूरी दी गई। इनमें से 23 संशोधन सत्ताधारी बीजेपी के सांसदों और 21 विपक्ष के सांसदों द्वारा प्रस्तावित थे।
  2. वोटिंग में विभाजन:
    समिति में बीजेपी और सहयोगी दलों के 16 सांसदों ने विपक्ष के 10 सांसदों के खिलाफ वोट दिया। विपक्ष द्वारा सुझाए गए संशोधनों को अस्वीकार कर दिया गया।
  3. विधेयक पर अंतिम मतदान:
    14 संशोधनों पर अंतिम मतदान 29 जनवरी को होगा और समिति की अंतिम रिपोर्ट 31 जनवरी तक संसद में पेश की जाएगी।

विवाद और विरोध

  • विपक्षी सांसदों ने समिति पर पक्षपात और विधेयक को “जल्दबाजी में पारित” करने का आरोप लगाया है।
  • पिछले सप्ताह 10 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। निलंबित सांसदों में तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी शामिल थे।
  • विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की थी।

समिति में हंगामा

अक्टूबर में तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने एक बैठक के दौरान गुस्से में कांच की बोतल तोड़कर फेंक दी। उन्होंने बाद में कहा कि एक बीजेपी सांसद ने उनके परिवार पर अभद्र टिप्पणी की थी, जिससे वह भड़क गए।

बीजेपी का पक्ष

बीजेपी की सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा कि समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने सभी सांसदों को अपनी बात रखने का पर्याप्त समय दिया।

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