लाहौर । कुरान के अपमान के आरोप में कट्टरपंथी इस्लामवादियों के नेतृत्व में भीड़ ने शनिवार को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में ईसाइयों पर हमला कर दिया, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के कम से कम दो सदस्य घायल हो गए। यह घटना सुबह लाहौर से करीब 200 किलोमीटर दूर पंजाब के सरगोधा जिले के मुजाहिद कॉलोनी में हुई। पुलिस का दावा है कि समय पर मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया है। ईसाई समुदाय की संपत्तियों पर भीड़ के हमले के कई वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हो रहे हैं। कट्टरपंथी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में भीड़ ने ईसाई समुदाय पर हमला किया, उनकी संपत्ति को जला दिया और तोड़फोड़ की।
पंजाब के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी असद इजाज मल्ही के अनुसार, पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी मुजाहिद कॉलोनी पहुंची और भीड़ को तितर-बितर कर दिया, जिसने कुरान के अपमान के आरोप में (ईसाइयों के) कुछ घरों को घेर लिया था। उन्होंने कहा कि एक घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाया गया है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए वहां पुलिस तैनात की गई है। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि शनिवार सुबह मुजाहिद कॉलोनी के कुछ युवाओं ने आरोप लगाया कि नजीर गिल मसीह नामक व्यक्ति ने कुरान का अपमान किया है। उन्होंने कहा, “उनके आरोपों के बाद, टीएलपी कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में एक भीड़ ने नजीर के आवास और एक कारखाने की ओर मार्च किया। उन्होंने उसकी जूता फैक्ट्री और घर में आग लगा दी। उन्होंने ईसाइयों की कुछ दुकानों में भी तोड़फोड़ की।
इससे पहले कि पुलिस मौके पर पहुंचती, भीड़ ने नजीर को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया।” अधिकारी ने कहा, पुलिस हालांकि नजीर को बचाने में सफल रही और उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी हालत गंभीर बताई गई है। उन्होंने कहा कि एक अन्य ईसाई व्यक्ति को भी चोटें आईं। नजीर के रिश्तेदार इफरान गिल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनके चाचा चार साल बाद दुबई से लौटे थे। उन्होंने कहा कि इलाके के कुछ लोगों ने उन पर कुरान के अपमान का झूठा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब भीड़ उनकी ओर बढ़ी तो ईसाई परिवारों ने खुद को अपने घरों के अंदर बंद करके अपनी जान बचाई। उन्होंने कहा कि इलाके में माहौल तनावपूर्ण है और ईसाई डरे हुए हैं।