ईओडब्ल्यू/एसीबी ने विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा कांग्रेस को हराए जाने के लगभग एक महीने बाद 17 जनवरी को यह प्राथमिकी दर्ज की थी और पूर्व मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड और अन्य सहित 70 व्यक्तियों तथा कंपनियों को इसमें नामजद किया था। ईडी ने अपराध से अर्जित आय लगभग 2,161 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया था। प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ़ में बेची गई शराब की ‘‘हर” बोतल से ‘‘अवैध” धन एकत्र किया गया था और रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर के नेतृत्व वाले शराब सिंडिकेट द्वारा कमाए गए 2,000 करोड़ रुपये के धनशोधन तथा ‘‘अप्रत्याशित” भ्रष्टाचार के सबूत मिले हैं।