दुर्ग (छत्तीसगढ़)। चरित्र पर संदेह करते हुए पत्नी की हत्या किए जाने के मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है। अभियुक्त ने बार-बार झूठ बोलने और अंजान लोगों से मोबाइल पर चैटिंग करने से नाराज होकर इस घटना को अंजाम दिया था। मामले के आरोपी को दोषी करार देते हुए अदालत ने आजीवन कारावास की सजा तथा एक हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है। यह फैसला शुक्रवार को न्यायाधीश संजीव कुमार टामक की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक छन्नूलाल साहू ने पैरवी की थी।
मामला जामुल थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपारा का है। पुलिस ने 10 मई 2022 को लक्ष्मीपारा के एक घर से युवती का शव बरामद किया था। पड़ताल में जानकारी सामने आई कि मृतका चित्रा उर्फ चित्रलेखा देवांगन बीते कुछ माह से विवेक गुप्ता उर्फ राबिन (35 वर्ष) के साथ बतौर पत्नी रहती थी। युवती के चेहरे पर चोट के निशान थे। पुलिस ने हत्या का अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण की जांच प्रारंभ की थी।
पूछताछ में विवेक का मां राजदुलारी ने बताया कि कभी-कभी वह अपने बेटे के घर आती-जाती रहती थी। 10 मई की दोपहर घर पहुंची तो विवेक का घर का दरवाजा बाहर से बंद था। अंदर जाने पर देखा कि चित्रा का शव बिस्तर पर पड़ा हुआ है। जिस पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। राजदुलारी ने पुलिस को यह भी बताया कि उसका बेटा नशे का आदि है और बात-बात पर गुस्सा करता है।
संदेह के आधार पर पुलिस ने विवेक गुप्ता उर्फ राबिन से पूछताछ की। जिसमें विवेक ने बताया कि लगभग 7-8 माह पूर्व उसका चित्रा से प्रेम संबंध स्थापित हुआ था। जिसके चलते वह चित्रा की मांग भर कर बतौर पत्नी अपने साथ रख रहा था। उसने यह भी बताया कि चित्रा अक्सर उससे झूठ बोलती थी, बातें छुपाती थी। वहीं अंजान लोगों से मोबाइल पर चैटिंग करती थी। जिससे दोनों में प्रायः विवाद होते रहता था। घटना दिन 9 मई 2022 की रात लगभग 12 बजे चित्रा को फिर से मोबाइल पर चैटिंग करते देख उसे गुस्सा आ गया, दोनों में झगड़ा हो गया। झगड़े के दौरान विवेक ने उसके मुंह पर हाथ मुक्का से कई वार किए। जिससे चित्रा बिस्तर पर गिर गई। उसके शरीर में कोई हलचल न देख उसे मरा समक्ष कर वह मौके से भाग गया।
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया। प्रकरण विचारण पश्चात अदालत ने अभियुक्त विवेक गुप्ता उर्फ राबिन को दोषी मानते हुए दंडित करने का फैसला दिया। अभियुक्त को दफा 302 के तहत आजीवन कारावास से दंडित दंडित किया गया है। मामले गिरफ्तारी के बाद से फैसला आने तक अभियुक्त जेल में ही निरूद्ध है।