दुष्कर्मी को कुल 13 साल का कारावास, किशोरी के जहर खाने पर खुला था राज, अदालत ने 4 लाख प्रतिकर देने का दिया आदेश

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। घर में अकेली किशोरी के साथ दुष्कर्म किए जाने के मामले में पास्को स्पेशल कोर्ट द्वारा फैसला सुनाया गया है। मामले के आरोपी युवक को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए कुल 13 वर्ष के कारावास तथा 7 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। इस दुष्कर्म का खुलासा किशोरी द्वारा आत्महत्या की नीयत से जहर का सेवन कर लिए जाने पर हुआ था। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सरिता दास की अदालत में बुधवार को सुनाया गया। अदालत ने इस मामले की पीडित किशोरी को प्रतिकर के रूप में 4 लाख रुपए दिए जाने का आदेश भी दिया है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की थी।

मामला पुलगांव थाना क्षेत्र का है। पीड़ित लगभग साढ़े सत्रह वर्ष की किशोरी है। वह अपनी छोटी बहन के साथ सब्जी बेचने का काम करती थी। 19 अप्रैल 2022 को दोनों बहनें सब्जी बेचने निकली थी। देर शाम तक घर नहीं लौटने पर परिजनों ने पतासाजी प्रारंभ की, तब किशोरी की छोटी बहन ने बताया कि वह उसे बिना बताए कहीं चली गई है। पीडिता के दोस्त को फोन लगाने पर उसने बताया कि किशोरी कुछ खा लिया है और उसकी तबीयत खराब हो रही है। परिजन गांव के शीतला मंदिर के पास जहां से किशोरी को इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया।

दूसरे दिन तबीयत ठीक होने पर किशोरी ने बताया कि 18 अप्रैल को रुपेश उर्फ रोपेश यादव (22 वर्ष) गुटका लेने घर आया था। उसके द्वारा पानी मांगे जब पर किशोरी घर के अंदर गई तो रुपेश भी अंदर आ गया और उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए। बाद में रुपेश को शादी करने कहने पर उसने इंकार कर दिया। जिससे घबराकर उसने लक्ष्मण रेखा का सेवन कर लिया।

दुष्कर्म का खुलासा होने पर परिजनों द्वारा दुर्ग थाना में शिकायत दर्ज कराई गई। शिकायत तथा किशोरी के मेडिकल के बाद आरोपी रुपेश उर्फ रोपेश यादव के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया गया।

प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात युवक को नाबालिग के घर परिजनों की बिना सहमति के प्रवेश करने तथा जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने का दोषी ठहराया गया। कोर्ट ने रुपेश उर्फ रोपेश यादव को दफा 450 के तहत 3 वर्ष तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत दस वर्ष के कारावास से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।