आईएएस रानू साहू को नहीं मिली जमानत, अब गिरेगी डीएमएफ फंड में गडबड़ी की गाज, ईडी ने पूछताछ के लिए कोर्ट से मांगी इजाजत

रायपुर (छत्तीसगढ़)। मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की गिरफ्त में आई आईएएस रानू साहू की जमानत याचिका खारिज हो गई है। वहीं अब उन पर डीएमएफ फंड में गडबड़ी की गाज गिर सकती है। छत्तीसगढ़ में अवैध कोल परिवहन और आबकारी विभाग में गड़बड़ी के बाद जिला खनिज निधि में गड़बड़ी को लेकर ईडी, आईएएस रानू साहू से पूछताछ करेगी। डीएमएफ केस में रानू साहू से पहली बार पूछताछ होगी।

दरअसल रानू साहू कोरबा कलेक्टर थीं और वहां सबसे ज्यादा डीएमएफ हैं। जिसमें गड़बड़ी की काफी शिकायतें हुई थीं। आयकर विभाग के छापे में भी इसके सबूत मिले हैं। कहा जा रहा है कि, 10 से अधिक अधिकारियों से पूछताछ की तैयारी है। कोरबा, रायगढ़, दंतेवाड़ा जैसे जिलों के वर्तमान और पूर्व कलेक्टर से पूछताछ की तैयारी है। ईडी ने जेल में रानू साहू से पूछताछ के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी है। इस पर बचाव पक्ष ने आपत्ति की है। इस पर 11 अगस्त को बहस होगी। कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद ईडी जेल जाकर रानू साहू से पूछताछ करेगी।

बता दें ईडी ने पिछले साल 540 करोड़ के अवैध कोल परिवहन का केस दर्ज किया है। कोल परिवहन में प्रति टन 25 रुपए कमीशन वसूलने का आरोप है। इसमें IAS समीर विश्नोई, रानू साहू, खनिज अधिकारी शिव शंकर नाग, संदीप नायक, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी, निखिल चंद्राकार,दीपेश टांक और राजेश चौधरी को गिरफ्तार किया गया है। सभी जेल में है।

मार्च में 2000 करोड़ के शराब घोटाले का केस दर्ज किया गया है। इसमें आबकारी सचिव अरुण पति त्रिपाठी, बीएसपी कर्मचारी अरविंद सिंह, कारोबारी अनवर ढेबर, नीतेश पुरोहित और त्रिलोक सिंह ढिल्लन को गिरफ्तार किया गया है। इस केस में आगे की जांच और कार्रवाई में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।

इसके अलावा ईडी ने नोएडा में नकली होलोग्राम सप्लाई में 1200 करोड़ की गड़बड़ी का केस दर्ज कराया है। इसमें रिटायर आईएएस अनिल टुटेजा, निरंजन दास, अनवर ढेबर और होलोग्राम का निर्माण करने वाली फैक्ट्री के मालिक विधु गुप्ता को आरोपी बनाया है। इसमें अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है।

ईडी ने सरकार को पत्र लिखकर 33 जिलों की डीएमएफ की जानकारी मांगी है कि, किस मद में कितना खर्च किया गया है। किस जिले में कितना डीएमएफ है। कोरबा जिले की अलग से जानकारी मांगी गई है। डीएमएफ में हुई गड़बड़ी में जिला प्रशासन के अलावा खनिज विभाग, आदिम जाति विभाग समेत अन्य विभाग भी जांच के दायरे में हैं। जहां डीएमएफ मद से काम किया गया है। काम करने वाले ठेकेदार और सप्लायर की जानकारी निकली जा रही है।