नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में दफनाए गए अमेरिकी सैन्य अधिकारी के शव के अवशेषों को करीब 60 साल बाद एक बार फिर कब्र से बाहर निकाला जा रहा है। अमेरिकी दूतावास के एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी सैन्य अधिकारी के अवशेषों को अब अमेरिका भेजा जाएगा, जिससे वहां उन्हें दोबारा दफनाया जा सके।
कोलकाता में अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास के अधिकारी मेलिंडा पावेक ने बताया कि मेजर जनरल हैरी क्लेनबेक पिकेट 1965 में दार्जिलिंग के दौरे पर आए थे। यहां उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद उन्हें यहीं एक कब्रिस्तान में दफना दिया गया था। अधिकारी का कहना है कि मृतक अधिकारी के परिवार ने अमेरिकी सरकार से शव को वापस लाने के लिए आग्रह किया था। इसके बाद अमेरिकी सरकार ने भारतीय सरकार से इसके लिए संपर्क किया और बातचीत के बाद भारत शव के अवशेषों को खोदकर अमेरिका भेजने के लिए राजी हो गया है। जनरल पिकेट को अर्लिंग्टन नेशनल सेमेट्री में दफनाया गया है।
मीडिया रिपोर्ट का दावा है पिकेट ने प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध सहित अन्य युद्धों में जीत दर्ज की है। पिकेट 1913 में यूएस मरीन कॉर्प्स में भर्ती हुए थे।
अमेरिकी दूत ने बताया कि सरकारी लोक सेवक के रूप में हमारी पहली प्राथमिकता है कि हम अमेरिकी नागरिकों की रक्षा सुनिश्चित करें और उनका समर्थन करें। पावेक का कहना है कि वह अपनी और अपनी टीम की तरफ से भारत सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार की सहायता और उनके समर्थन के लिए आभारी हैं। उनका कहना है कि बिना सरकार के समर्थन के उनकी वापसी संभव नहीं थी।