दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नेहरूनगर-अंजोरा बायपास में टोल प्लाजा के पास 80 एकड़ से ज्यादा जमीन पर बिना ले आउट मंजूरी प्लाटिंग और निर्माण का मामला सामने आया है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे द्वारा अवैध प्लाटिंग के मामलों के लिए गठित अधिकारियों के जांच दल ने गुरुवार को स्थल निरीक्षण किया। इसमें अवैध प्लाटिंग की पुष्टि होने पर पंचनामा तैयार कर अवैध प्लाटिंग के लिए बनाए गए संरचनाओं के साथ निर्माण को तोड़कर हटाने का निर्णय लिया गया।
बता दें कि कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे के निर्देश पर अवैध प्लाटिंग वाले जगहों को चिन्हित किया गया है। कलेक्टर ने इन स्थलों की जांच के लिए अधिकारियों की टीम गठित कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसी के तहत टीम ने टोल प्लाजा के पास मनोज ले-आउट प्राइवेट लिमिटेड की अवैध प्लाटिंग स्थल पर जांच कर पंचनामा बनाया। टीम ने मनोज ले-आउट प्राईवेट लिमिटेड की भूमि पर निर्माण किए गए मार्ग सरंचना व अन्य निर्माण को हटाने का निर्णय लिया। जांच के दौरान टीम के अधिकारी निगम आयुक्त इंद्रजीत बर्मन, अनुविभागीय अधिकारी खेमलाल वर्मा, संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेशा विभाग विमल बगवैया मौजूद थे। इसके अलावा सहायक संचालक प्रतीक दीक्षित, एसआरए वर्षा दीवान मिश्रा, भवन अधिकारी प्रकाशचंद थवानी, निगम के सहायक भवन अधिकारी गिरीश दीवान, भवन निरीक्षक विनोद मांझी, पटवारी रामस्वरुप पटेल, राजस्व निरीक्षक सुनीति निषाद मौजूद थे।
जांच में यह पाया गया
कालोनी निर्माण के लिए विकास किया गया है। ग्राम निवेश विभाग से ले-आउट अनुमोदित नहीं कराया गया है और ना ही नगर पालिक निगम से अनुमति प्राप्त नहीं की गई है। जबकि स्थल पर मार्ग संरचना व कार्यालय भवन निर्मित पाया गया तथा साथ ही प्लाटिंग के लिए सीमेंट पोल्स व बारबेड वायर फेसिंग पाया गया। स्थल पर ही सोलर स्ट्रीट लाईट पोल्स भी स्थापित है। भूखण्डों का चिन्हांकन एवं स्थल समतलीकरण पाया गया। किसी भी प्रकार की विधिवत अनुमति नहीं होना पाया गया।