बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से दुर्ग जिले की 50 से 100 फीसदी तक फसलों को नुकसान पहुंचा है। आंकलन में जहां मसूर और तिवरा की फसल जहां 100 फीसदी खराब पाई गई है, वहीं गन्ना और मक्का उत्पादक किसानों को 50 फीसदी तक नुकसान हुआ है। इसके अलावा गेहूं, चना, सरसो व सब्जियों की फसल पर भी ओलावृष्टि का काफी खराब असर पड़ा है। कृषि व उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की संयुक्त जांच में यह जानकारी सामने आई है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। कृषि उप संचालक अश्वनी बंजारा और उप संचालक उद्यानिकी सुरेश ठाकुर ने वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों व किसानों के साथ धमधा के आधा दर्जन गांवों में फसलों का निरीक्षण किया। इनमें ग्राम कपसदा, बोरी, चेटुवा, रिंगनी, मोहंदी, दनिया व नंदौरी शामिल है। जांच में ग्राम कपसदा और बोरी में मसूर व तिरवा की फसल शत-प्रतिशत खराब होने की जानकारी सामने आई। वहीं चेटुवा में मक्का और गन्ने की फसल में 50 फीसदी तक नुकसान पाया गया। इसके अलावा रिंगनी, मोहंदी, दनिया, बोरी में गेंहू, चना, सरसो व साग-सब्जियों की खेती का खराब होना पाया गया।
उप संचालक कृषि अश्वनी बंजारा ने बताया कि फसलों की क्षति के लिए जिले के हर गांव में सर्वे कराया जा रहा है। इसके लिए अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी तय की गई है। सर्वे किसानों की मौजूदगी में करने कहा गया है। सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा देने पहल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिन किसानों ने फसल बीमा कराया है, उन्होंने बीमा लाभ दिलवाने के लिए पहल की जा रही है। इस संबंध में किसानों को विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि बीमित किसानों को ऋणमान का 25 फीसदी लाभ मिलेगा। इसके अलावा जिन्होंने बीमा नहीं कराया है, उन्होंने राजस्व पुस्तिका के प्रावधान के तहत मुआवजा दिलवाया जाएगा।