बलरामपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी ग्राम सुराजी योजना नरवा, गरवा, गुरूवा बाड़ी योजनांतर्गत नरवा संवर्धन से किसानों को लाभान्वित करने के लिए माह जनवरी से मार्च के तीसरे सप्ताह को नरवा मिशन सप्ताह मनाने का संकल्प लिया गया है। इसी कड़ी में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रेना जमील ने आदर्श नरवा स्थल के 6 बिंदुओं पर संज्ञान लेते हुए नरवा की महत्ता को ग्रामीणजन तक पहुंचाने तथा जलग्रहण क्षेत्र में आने वाले कृषकों को प्रशिक्षण, बीज वितरण एवं सहयोगी संस्थाओं के द्वारा मत्स्य पालन हेतु जाल एवं आवश्यक तकनीकी सहयोग के लिए संबंधित विभाग के प्रमुखों को निर्देशित किया है, जिसके परिपालन में विकासखण्ड शंकरगढ़ व राजपुर में कार्यशाला सह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।
विकासखण्ड शंकरगढ़ के ग्राम पंचायत लोधी व विकासखण्ड राजपुर के ग्राम पंचायत परती में आयोजित कार्यशाला में नरवा क्षेत्र के किसानों को प्रशिक्षण के साथ समूह की महिलाओं एवं ग्रामवासियों के द्वारा क्षेत्र में नरवा रैली निकाली गई। कार्यशाला में ग्रामीणजन, वनाधिकार पत्र प्राप्त हितग्राहियों को मनरेगा से भूमि सुधार, समतलीकरण एवं मनरेगा श्रमिकों से मनरेगा के तहत् 100 दिवस का कार्य करने को प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रम के अगले चरण में सहयोगी संस्था भारत रूरल लाईवलीहुड द्वारा कृषकों को सूरजमुखी एवं विभिन्न सब्जियों के बीज प्रदान किये गए।
इसी प्रकार विकासखण्ड वाड्रफनगर में भी नरवा सप्ताह के अंतर्गत परिचर्चा एवं जागरूकता रैली का आयोजन किया गया, जिसके तहत् किसानों, ग्रामीणों तथा मनरेगा श्रमिकों को नरवा उपचार से होने वाले लाभ की जानकारी दी गयी। मनरेगा के तहत विकासखण्ड वाड्रफनगर में 29 नालों का उपचार किया जा रहा है, जिसमें एससीटी, सीसीटी, गली प्लग, लुज बोल्डर चेक, अण्डरग्राउण्ड डाईक, गैबियन स्ट्रक्चर, कुप, मिट्टी बांध निर्माण, डबरी, तालाब एवं मेड़बंदी जैसे कार्यों को किया जा रहा है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा जनवरी से मार्च तक तिथिवार नरवा मिशन के तहत कार्यक्रम की रूपरेख बनाई गई है, जिसकी समीक्षा हेतु नरवा नोडल एवं विकासखण्ड स्तर पर कार्यक्रम की निगरानी हेतु अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को नोडल नियुक्त किया गया है, जिसके माध्यम से जल संवर्धन एवं नरवा की महत्ता को जन-जन तक पहुंचाया जायेगा।