बिलासपुर (छत्तीसगढ़)। अक्षय तृतीया पर्व पर बाल विवाह पर रोक लगाने में जिला प्रशासन को विशेष सफलता प्राप्त हुई है। चाइल्ड हेल्प लाइन और पुलिस ने मिलकर तीन नाबालिग कन्याओं की शादी को रोका गया साथ ही समझाइश देकर शपथ पत्र भरवाया गया।
कलेक्टर सारांश मित्तर ने जिले में अक्षय तृतीया पर्व पर होने वाले बाल विवाह पर नजर रखने के निर्देश दिए थे। इस पर जिला कार्यक्रम अधिकारी सूर्यकांत गुप्ता के साथ चाइल्ड लाइन केंद्र समन्वयक पुरुषोत्तम पांडेय जानकारी जुटा रहे थे। मंगलवार को दोपहर उन्हें खबर मिली बिल्हा के वार्ड क्रमांक 12 और हिर्री थाना क्षेत्र के अटर्रा गांव में नाबालिग लड़कियों की शादी होने वाली है। गांव में परिजन बारात स्वागत करने की तैयारी में है। खबर मिलते ही टीम गांव पहुंच गई। इस दौरान उन्होंने परिजन से चर्चा कर उन्हें समझाइश दी और शपथपत्र लेकर शादियां रुकवाई। इस दौरान टीम ने उनके ससुराल वालों को भी बारात नहीं लाने की चेतावनी दी।
केस-1 चेतावनी पर माने परिजन
इस दौरान टीम ने लड़की के परिजनों को बाल विवाह से होने वाले नुकसान की जानकारी दी। हिर्री क्षेत्र के ग्राम अटर्रा में लड़की के परिजन उसे 18 साल की होने का दावा कर शादी रोकने से इंकार करने लगे। इस दौरान टीम ने लड़की की अंकसूची की जांच की, तब पता चला कि लड़की 17 साल पांच माह की है। इसके बाद परिजन को समझाइश दी गई। साथ ही उन्हें प्रशासन के निर्देश के बाद भी शादी करने पर नाबालिग बालक-बालिकाओं के निर्धारित आयु से पूर्व विवाह करने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत 2 वर्ष तक कठोर कारावास अथवा 1 लाख रुपए जुर्माना या दोनों के प्रावधान की जानकारी दी गई। इस चेतावनी के बाद परिजन ने शपथपत्र देकर शादी नहीं करने की बात कही।
केस-2 तेल हल्दी लगाकर कर रहे थे बारात का इंतजार
बिल्हा के वार्ड क्रमांक 12 में रहने वाली 16 वर्ष की नाबालिग लड़की की शादी कोटा में तय हुई थी। उसके पिता की मौत हो गई है। उसके परिजनों ने उसकी शादी तय कर दी थी। घर में तेल हल्दी लगाकर परिजन बारात आने पर स्वागत की तैयारी कर रहे थे। तभी टीम पहुंच गई। इसी तरह अटर्रा गांव में भी नाबालिग लड़की की शादी की तैयारी चल रही थी। वहां टीम के पहुंचने के बाद लड़की के ससुरालवालों को बारात नहीं लाने की समझाइश दी गई।
केस-3 परिजनों से भरवाया गया शपथ पत्र
कुदुदंड में भी 16 साल की नवमीं कक्षा की छात्रा की शादी तय कर दी गई थी। एक दिन पहले ही चाइल्ड लाइन को इसकी जानकारी मिल गई थी। लिहाजा, सूचना मिलने पर टीम कुदुदंड स्थित उसके निवास पहुंचकर नाबालिग की शादी नहीं करने की समझाइश दी गई और परिजन से शपथपत्र लिया गया। इस दौरान बाल विवाह रोकथाम दल में जिला बालसंरक्षण अधिकारी पार्वती वर्मा, संरक्षण अधिकारी गैर संस्थागत गोवर्धन प्रसाद धिवर पुरषोत्तम पांडेय और रजनी यादव, रुप लाल चन्द्रा, चोलाराम पटेल, मिथलेश साहू , बरखा गुप्ता , प्रीति डहरिया , कीर्तिका मनहर -सत्यवान मरावी, जोहन टोप्पो शामिल रहे।