छत्तीसगढ़ सरकार की सुरक्षा, विश्वास और विकास की नीति से लाभांवित हो रहे निर्दोष आदिवासी

रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ के नक्सल पीडि़त क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के रहवासियों पर दर्ज मुकदमों की समीक्षा उपरांत 31 मई 2021 तक कुल 718 प्रकरणों  को विभिन्न न्यायालयों द्वारा दोषमुक्त और प्रकरण वापसी उपरांत कुल 944 आरोपियों को अब तक लाभान्वित किया जा चुका है।
बता दें कि सुरक्षा, विश्वास और विकास की नीति पर अमल करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में निर्दाेष आदिवासियों के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों की वापसी के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ए.के.पटनायक की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है, वहीं जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को भी आदिवासियों के विरूद्ध दर्ज नक्सल मामलों की छानबीन कर निर्दाेष आदिवासियों को राहत प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।  
न्यायालय के माध्यम से आदिवासियों के विरुद्ध दर्ज प्रकरणों की वापसी हेतु जस्टिस पटनायक कमेटी के समक्ष प्रकरण विचार हेतु प्रस्तुत किये गये थे। जिनमें से समिति ने 627 प्रकरणों की वापसी हेतु अनुशंसा की है। पटनायक समिति की अनुशंसा के आधार न्यायालय से 594 प्रकरण वापस लिये जा चुके हैं जिनमें 726 व्यक्तियों को लाभ प्राप्त हुआ है। वर्तमान में सिर्फ 33 प्रकरण न्यायालय से वापसी हेतु लंबित हैं।
इसी तरह पुलिस विभाग द्वारा 365 नक्सल प्रकरणों को न्यायालयों में स्पीडी ट्रायल के लिए चिन्हित किया जिसमें न्यायालय द्वारा 124 प्रकरणों को दोषमुक्त करते हुए 218 आरोपियों को लाभान्वित किया गया है। इसमें दंतेवाड़ा जिले के 24 प्रकरणों में 36 लोगों को, बीजापुर जिले में 44 प्रकरणों में 47 लोगों को, नारायणपुर जिले में 7 प्रकरणों में 9 लोगों को और कोण्डागांव जिले में 3 प्रकरणों में 9 आरोपियों को दोषमुक्त किया गया है। इसी तरह कांकेर जिले में 1 प्रकरण में 6 लोगों को, सुकमा जिले में 44 प्रकरणों में 109 लोगों को और राजनांदगांव जिले में 1 प्रकरण में 2 आरोपियों को दोषमुक्त किया गया है।