किसान आंदोलन : सरकार के रवैये से आहत प्रदर्शनकारी सिख ग्रंथी ने खुद को मारी गोली

नई दिल्ली। नोएडा से दिल्ली आने वाली सड़क सिंघू बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों में से करनाल के एक किसान की आत्महत्या करने की खबर मिली है। सिंघू बॉर्डर पर आत्महत्या करने वाले किसान ने सुसाइड नोट भी छोड़ा है। जिसमें लिखा है कि मैं किसानों की तकलीफ को महसूस करता हूं जो अपने अध‍िकारों के लिए लड़ रहे हैं। मैं उनका दुख समझता हूं क्योंकि सरकार उनके साथ न्याय नहीं कर रही। अन्याय करना पाप है, लेकिन अन्याय सहन करना भी पाप है। किसानों के समर्थन में कुछ लोगों ने सरकार को अपने पुरस्कार लौटा दिए। मैंने खुद को ही कुर्बान करने का फैसला किया है।

मिली जानकारी के मुताबिक, करनाल से आए संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी की है। 65 वर्षीय संत बाबा राम सिंह नानकसर, सिंघड़ा की जगह पर एक गुरुद्वारे के प्रमुख थे। पुलिस ने बताया कि 65 वर्षीय बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मार ली। उन्हें पानीपत के पार्क अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोष‍ित कर दिया। पार्थ‍िव शरीर को करनाल भेजा गया है जहां वो रहते थे।
अब तक 20 प्रदर्शनकारियों की मौत

किसानों के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को बताया था कि 20 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों की अब तक मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र के एक किसान नेता ऋष‍िपाल ने बताया था कि जब से प्रदर्शन शुरू हुए हैं, हर दिन एक किसान की मौत हुई है। उन्होंने कहा, देशभर में गांवों और तहसील मुख्यालयों पर 20 दिसंबर को सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक जिन किसानों ने अब तक जान गंवाई है, उनके सम्मान में श्रद्धांजलि द‍िवस का आयोजन किया जाएगा।