मध्य प्रदेश: केंद्र के कृषि विधेयकों के खिलाफ हरियाणा, पंजाब सहित देश के सात राज्यों में विरोध देखा जा रहा है, हालांकि मप्र में अब तक इसका ख़ास विरोध नहीं दिखाई दिया है। केवल ग्वालियर-चंबल अंचल में छिटपुट काम प्रभावित हुआ है। जबलपुर में किसान संघों का जुबानी विरोध सामने आ रहा है।
मैदानी गतिविधियाँ नहीं के बराबर हैं। मालवा-निमाड़ अंचल में छोटे-मोटे विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं। विधेयकों का ग्वालियर-चंबल अंचल के कुछ जिलों में किसान, व्यापारी व मंडी कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। व्यापारी व मंडी कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इससे कृषि मंडियों का कामकाज प्रभावित हो रहा है।
डबरा में किसान पिछले तीन दिन से धरना दे रहे हैं। शनिवार को प्रदेश सरकार के मंत्री कमल पटेल की कार को न केवल रोक लिया था बल्कि विरोध स्वरूप उनके सामने भी प्रदर्शनकारी खड़े हो गए थे। श्योपुर में 25 सितंबर से कृषि मंडी में व्यापारी व कर्मचारी अलग-अलग धरना दे रहे हैं।
मुरैना, शिवपुरी में हड़ताल नज़र आई तो भिंड-दतिया में कोई विरोध सामने नहीं आया। जबलपुर के मैदान में;। धरना-प्रदर्शन जैसा माहौल फिलहाल नहीं है। भारतीय किसान संघ जहाँ विधेयक में ज़रूरी संशोधन के साथ इसे किसानों के पक्ष में बता रहा है।
कांग्रेस का किसान संगठन पुरजोर विरोध का दावा कर रहा है लेकिन जमीनी स्तर पर बड़ा आंदोलन नहीं खड़ा किया है। उधर, मालवा-निमाड़ में भी कोई ख़ास असर नहीं दिखाई दिया। कृषि विधेयक के विरोध में इंदौर में युवक कांग्रेस ने हाल ही में कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन किया था।