भारत में जनगणना की शुरुआत: 16 जून को अधिसूचना जारी होगी, पहली बार डिजिटल माध्यम से होगी जनगणना

नई दिल्ली, 15 जून 2025 – भारत में जनगणना की औपचारिक प्रक्रिया अब शुरू होने जा रही है। गृह मंत्री श्री अमित शाह ने रविवार को जनगणना की तैयारियों की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की, जिसमें इस ऐतिहासिक जनगणना को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आयोजित करने की रणनीति पर चर्चा की गई।

गृह मंत्रालय (MHA) ने बताया कि जनगणना के संचालन की अधिसूचना 16 जून 2025 को राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी। यह जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाएगी और 1 मार्च 2027 तक पूरी होगी


34 लाख कर्मचारी होंगे तैनात, मोबाइल ऐप से होगी डेटा एंट्री

जनगणना में लगभग 34 लाख गणनाकर्ता और पर्यवेक्षक, तथा 1.3 लाख जनगणना अधिकारी तैनात किए जाएंगे। इस बार जनगणना पूरी तरह डिजिटल माध्यम से की जाएगी, जिसमें मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग होगा और लोग स्वयं भी अपने विवरण दर्ज कर सकेंगे (Self-enumeration)।

गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि डेटा की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।

“डेटा एकत्र करने, प्रसारित करने और संग्रहित करने के दौरान कड़े डेटा सुरक्षा उपाय लागू होंगे,” मंत्रालय ने कहा।


दो चरणों में होगी जनगणना: आवास सूचीकरण और जनसंख्या गणना

जनगणना दो चरणों में आयोजित होगी:

  1. आवास सूचीकरण (House Listing Operation – HLO):
    इसमें प्रत्येक घर की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं की जानकारी एकत्र की जाएगी।
  2. जनसंख्या गणना (Population Enumeration – PE):
    इस चरण में प्रत्येक व्यक्ति की जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक एवं अन्य जानकारियां दर्ज की जाएंगी।

पहली बार होगी जाति आधारित गणना

गृह मंत्रालय ने पुष्टि की है कि इस बार की जनगणना में जाति आधारित गणना (Caste Enumeration) भी की जाएगी। 30 अप्रैल को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा इसे शामिल करने का निर्णय लिया गया था।


2026 के बाद की जनगणना से होगा लोकसभा क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण

जनगणना का संदर्भ दिनांक 1 मार्च 2027 (रात 12 बजे) तय किया गया है। संविधान के अनुसार, 2026 के बाद होने वाली पहली जनगणना के आधार पर लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण (Delimitation) किया जा सकता है। ऐसे में यह जनगणना 2029 के आम चुनावों से पहले की सबसे महत्वपूर्ण कवायद बन गई है।


2011 के बाद पहली जनगणना

भारत में आखिरी जनगणना 2011 में हुई थी। इसके बाद 2021 में प्रस्तावित जनगणना COVID-19 महामारी के कारण स्थगित कर दी गई थी। अब चार साल की देरी के बाद, यह सबसे आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत जनगणना होने जा रही है।


बैठक में कौन-कौन शामिल हुआ?

समीक्षा बैठक में गृह सचिव गोविंद मोहन, भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में तकनीकी व्यवस्था, डिजिटल डेटा संग्रहण, और सुरक्षा प्रोटोकॉल पर विस्तृत चर्चा की गई।


निष्कर्ष

जनगणना 2025 न केवल आंकड़ों का एकत्रीकरण है, बल्कि यह एक नई डिजिटल और समावेशी भारत की नींव रखने का भी प्रयास है। इसमें जनसंख्या का समग्र सामाजिक-आर्थिक चित्रण, जातिगत प्रतिनिधित्व, और आवासीय सुविधाओं की स्थिति का समावेश होगा, जो आगे चलकर नीतियों के निर्माण और संसाधनों के वितरण में निर्णायक भूमिका निभाएगा।

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