बिलासपुर, 06 जून 2025/
छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण (Rationalisation) को लेकर दायर की गई सभी याचिकाओं को बिलासपुर हाईकोर्ट की वेकेशन बेंच ने खारिज कर दिया है। जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की अदालत में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा लागू की गई युक्तियुक्तकरण गाइडलाइन और काउंसलिंग प्रक्रिया को वैध मानते हुए याचिकाकर्ताओं की सभी आपत्तियों को अस्वीकार कर दिया।
2008 की गाइडलाइन के आधार पर दी गई थी चुनौती
याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया था कि वर्तमान में लागू की गई गाइडलाइन 2008 की गाइडलाइन के अनुरूप नहीं है और बिना दावा-आपत्ति आमंत्रित किए सीधे काउंसलिंग शुरू कर दी गई, जो नियमों के विरुद्ध है। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से पेश प्रक्रिया की पारदर्शिता और वैधानिकता के तर्कों को स्वीकार किया।
सरकार के पक्ष को कोर्ट ने माना मजबूत
राज्य सरकार की ओर से पेश वकीलों ने बताया कि युक्तियुक्तकरण की पूरी प्रक्रिया नियमानुसार, पारदर्शी और व्यापक स्तर पर की गई है, जिसका उद्देश्य प्रदेश के सभी स्कूलों में शिक्षकों का संतुलित और आवश्यकता आधारित वितरण सुनिश्चित करना है। कोर्ट ने सरकार के इन तर्कों को स्वीकार करते हुए सभी याचिकाएं निराकृत कर दीं।
याचिकाकर्ता करेंगे आगे विचार
याचिकाकर्ता पक्ष के अधिवक्ता गोविंद देवांगन ने बताया कि वे अब फैसले की प्रति प्राप्त कर अगली वैधानिक कार्रवाई पर विचार करेंगे।
शिक्षा व्यवस्था के लिए बड़ा निर्णय
हाईकोर्ट के इस निर्णय को शिक्षा व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे यह स्पष्ट हुआ है कि प्रदेश में युक्तियुक्तकरण नीति पूरी तरह वैध है और अब इसे तेजी से लागू करने का रास्ता साफ हो गया है।
