रायपुर, 06 जून 2025।
छत्तीसगढ़ सरकार की युक्तियुक्तकरण नीति ने प्रदेश के दूरस्थ और शिक्षकों से वंचित स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को नई दिशा दी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में चल रही इस नीति के तहत जिला प्रशासन द्वारा शिक्षकों की पारदर्शी और सुनियोजित तैनाती की जा रही है।
कांकेर जिले में कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर के मार्गदर्शन में यह प्रक्रिया प्रभावी ढंग से पूरी की गई है। अब तक जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं थे या केवल एक ही शिक्षक था, वहां अब विषय विशेषज्ञ शिक्षक तैनात कर दिए गए हैं। इससे बच्चों को गणित, विज्ञान, रसायन, जीवविज्ञान जैसे जटिल विषयों की बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।
शिक्षकों ने जताया संतोष और आभार
शिक्षिका श्रीमती सिंधु श्रीवास्तव ने बताया कि काउंसलिंग के दौरान स्क्रीन पर रिक्त पदों की स्पष्ट जानकारी दी गई, जिससे उन्हें स्कूल चयन में कोई कठिनाई नहीं हुई। उन्होंने राज्य सरकार और प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया।
वरिष्ठ शिक्षक श्री मनोज कुमार जैन, जो सेवानिवृत्ति के करीब हैं, ने कहा कि उन्हें पारदर्शी प्रक्रिया के तहत अपनी पसंद का स्कूल चुनने का अवसर मिला। यह सरकार की शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
वहीं शिक्षक आत्माराम मंडावी ने खुशी जताई कि उन्हें उनके ही ब्लॉक में पदस्थ किया गया। उन्होंने कहा, “जब कलेक्टर, सीईओ और जिला शिक्षा अधिकारी स्वयं काउंसलिंग में मौजूद रहे, तो प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर कोई सवाल ही नहीं उठता।”
शिक्षा के क्षेत्र में समावेशी विकास
शिक्षक समुदाय का मानना है कि इस पहल से जरूरतमंद स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है। इससे छात्रों और अभिभावकों का भरोसा सरकारी स्कूलों में फिर से मजबूत हुआ है। यह नीति समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में राज्य सरकार का एक अहम कदम है।
छात्रों को जहां अब बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा, वहीं शिक्षकों को भी अपने कार्यस्थल को लेकर स्पष्टता और संतुष्टि मिली है। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में एक अनुकरणीय मॉडल बन सकती है।
