नई दिल्ली: शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए भगदड़ में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 5 बच्चे भी शामिल हैं, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह हादसा तब हुआ जब प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की अचानक भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
कैसे हुआ हादसा?
यह घटना प्लेटफॉर्म 14 और 15 को जोड़ने वाले फुट-ओवरब्रिज पर हुई, जब कुछ यात्री सीढ़ियों से उतरते समय फिसल गए, जिससे अफरा-तफरी मच गई और भगदड़ मच गई।
संभावित कारण
- ट्रेनों में देरी और भारी संख्या में जनरल टिकटों की बिक्री (हर घंटे 1,500 टिकट)
- गलत प्लेटफॉर्म की घोषणा, जिससे यात्रियों में भ्रम की स्थिति बनी
रेलवे मंत्री ने दिए जांच के आदेश
इस हादसे के बाद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की है, जो इस हादसे के पीछे की लापरवाही और कारणों की जांच करेगी।
भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए नए नियम
रेल मंत्रालय ने आगे से इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कुछ सख्त कदम उठाए हैं।
- प्रयागराज जाने वाली सभी विशेष ट्रेनें अब प्लेटफॉर्म नंबर 16 से ही रवाना होंगी।
- सभी यात्री अजमेरी गेट की ओर से रेलवे स्टेशन में प्रवेश करेंगे।
- अन्य सभी ट्रेनों का संचालन पहले की तरह जारी रहेगा, ताकि प्लेटफॉर्म पर अनावश्यक भीड़ न बढ़े।
प्रयागराज और आसपास के क्षेत्रों में जबरदस्त भीड़
इस बीच, प्रयागराज और आसपास के शहरों में भारी ट्रैफिक जाम देखा गया। खासकर बालसन, बैरहाना, सोबतियाबाग और दरभंगा इलाकों में जाम के कारण 15 मिनट का सफर 3 घंटे में पूरा हो रहा है।
मध्य प्रदेश के रीवा जिले, जो प्रयागराज से सटा हुआ है, में भी महा कुंभ जाने वाले वाहनों की संख्या पिछले 24 घंटों में काफी बढ़ गई है।
निष्कर्ष
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई यह दुर्घटना बेहद दर्दनाक है और यह दिखाता है कि भीड़ प्रबंधन की बेहतर व्यवस्था की जरूरत है। महा कुंभ के कारण प्रयागराज में भीड़ लगातार बढ़ रही है, जिससे यातायात और सुरक्षा को लेकर प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
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