वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 के दौरान नई कर व्यवस्था की घोषणा की, जिसके तहत वार्षिक ₹12 लाख तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा। नौकरीपेशा करदाताओं के लिए ₹75,000 की मूल कटौती के बाद यह सीमा ₹12.75 लाख तक बढ़ाई गई है।
इस बदलाव से मध्यम वर्ग पर से कर भार काफी कम हो जाएगा, जिससे घरेलू उपभोग, बचत और निवेश में वृद्धि होने की उम्मीद है। बजट ने सरल, पारदर्शी और स्व-प्रमाणन आधारित कर प्रणाली की ओर एक निर्णायक कदम उठाया है, जिससे करदाताओं का विश्वास बढ़ेगा।
वेदांटा के अनिल अग्रवाल ने भी अपने पोस्ट में बताया कि:
“बजट ने मध्यम वर्ग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण राहत प्रदान की है, जिससे सालाना ₹12 लाख तक की आय पर कर नहीं लगेगा। यह मध्यम वर्ग का सबसे बड़ा हिस्सा है। साथ ही, ₹24 लाख तक की आय पर कर भार में भी काफी कमी आई है। हमने एक विश्वस्तरीय, सरल और पारदर्शी कर प्रणाली की दिशा में निर्णायक कदम उठाया है।”

अनिल अग्रवाल ने आगे mining, कृषि और विनिर्माण (विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक्स) जैसे क्षेत्रों में सुधारों की बात करते हुए कहा कि ये क्षेत्र घरेलू उत्पादन बढ़ाने, आयात कम करने और लाखों अच्छी नौकरियां पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
