दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने मंगलवार को “आपातकालीन मार्शल लॉ” की घोषणा कर देश को चौंका दिया। अपने टेलीविज़न संबोधन में उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर शासन को बाधित करने, उत्तर कोरिया के प्रति सहानुभूति रखने और देश के संवैधानिक ढांचे को कमजोर करने का आरोप लगाया।
संबोधन ने देश में मचाई हलचल
राष्ट्रपति यून सुक योल के इस अप्रत्याशित कदम ने पूरे देश में खलबली मचा दी। दक्षिण कोरिया, जो 1980 के दशक से लोकतांत्रिक व्यवस्था में है, में इस तरह की घोषणा ने लोकतंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इतिहास में पहली बार ऐसा कदम
दक्षिण कोरिया ने पहले भी तानाशाही शासन का सामना किया है, लेकिन लोकतंत्र की स्थापना के बाद इस प्रकार का कदम अभूतपूर्व माना जा रहा है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के इस कदम की कड़ी निंदा की है और इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि यह कदम सरकार की असफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए उठाया गया है।