छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने छात्रों के भविष्य को संवारने के उद्देश्य से एक अहम पहल की है। अब छात्रों को कक्षा 8वीं के बाद ही व्यवसायिक विषयों का चयन करने का अवसर मिलेगा, जिससे उन्हें स्किल-आधारित शिक्षा से जोड़ा जा सकेगा। फिलहाल यह योजना कुछ चुनिंदा स्कूलों में लागू की गई है, जिसे भविष्य में अन्य स्कूलों तक भी पहुंचाने का लक्ष्य है।
कक्षा 8वीं के बाद व्यवसायिक विषय चुनने की सुविधा
नई व्यवस्था के तहत छात्र अब कक्षा 8वीं के बाद संस्कृत के स्थान पर कंप्यूटर एप्लीकेशन, भारतीय संगीत, चित्रकला, कृषि, हेल्थकेयर, इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर, बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज, ब्यूटी और वेलनेस जैसे व्यवसायिक विषयों में से किसी एक का चयन कर सकते हैं। यह विषय कक्षा 9वीं और 10वीं की अंकसूची में मुख्य विषय के रूप में शामिल होंगे, जिससे छात्रों को सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक कौशल का भी विकास हो सकेगा।
कक्षा 11वीं और 12वीं में वैकल्पिक विषय का विकल्प भी उपलब्ध
छात्र 11वीं और 12वीं कक्षा में व्यवसायिक विषयों का चयन करते समय हिंदी या अंग्रेजी में से एक वैकल्पिक विषय भी चुन सकते हैं, जो उनके मुख्य परिणाम पर असर नहीं डालेगा। इस विकल्प से छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आवश्यक विषयों का भी अध्ययन कर सकेंगे।
नई शिक्षा नीति के अनुरूप कदम
माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा उठाया गया यह कदम नई शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप है, जिसमें स्किल-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। इससे छात्र आत्मनिर्भर बनकर स्वरोजगार और रोजगार की संभावनाओं में बेहतर तरीके से अपना भविष्य संवार सकेंगे।
विशेषज्ञों और प्राचार्यों की सकारात्मक राय
प्राचार्य चंदना पाल ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि व्यवसायिक विषयों के माध्यम से छात्रों की स्किल्स में व्यापक सुधार देखने को मिल रहा है, जिससे वे स्वरोजगार के लिए तैयार हो रहे हैं। व्यवसायिक शिक्षक विनोद व्यास ने भी इस पहल को सराहा और कहा कि इससे छात्रों को प्रैक्टिकल पढ़ाई का अवसर मिलेगा, जो उन्हें भविष्य में आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होगा।