भारतीय कुश्ती संघ के चुनावों पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, हरियाणा रेसलिंग एसोसिएशन ने दर्ज कराई थी आपत्ति

नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के चुनावों पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 28 अगस्त तक रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने ये रोक हरियाणा रेसलिंग एसोसिएशन की याचिका पर लगाई है। संघ के चुनाव कल यानी 12 अगस्त को होने थे। एसोसिएशन का आरोप है कि उनकी बजाय एक अन्य एसोसिएशन को इस चुनाव में भाग लेने की इजाजत दी गई है, जबकि वे WFI और हरियाणा ओलिंपिक एसोसिएशन से एफिलिएटेड है।

पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और संगीता फोगाट के संघ के पूर्व अध्यक्ष BJP सांसद बृजभूषण पर महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों के बाद इन चुनावों पर सबकी नजर लगी हुई है।

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्‌डा की अगुआई वाली हरियाणा रेसलिंग एसोसिएशन (HWA) की पैरवी करते हुए एडवोकेट रविंद्र मलिक ने कहा कि उनका संगठन हरियाणा में रजिस्टर्ड है। उसे WFI से मान्यता मिली हुई है। WFI के संविधान और नियमों के मुताबिक कोई भी मान्यता प्राप्त बॉडी WFI के चुनावों में वोटिंग के लिए 2 मेंबर भेज सकती है।

उन्होंने आगे कहा कि हरियाणा एमैच्योर रेसलिंग एसोसिएशन ने दावा किया कि उनका संगठन WFI और हरियाणा ओलिंपिक एसोसिएशन से मान्यता प्राप्त है। इस एसोसिएशन ने दावा किया कि दीपेंद्र हुड्‌डा वाली हरियाणा रेसलिंग एसोसिएशन WFI से मान्यता प्राप्त नहीं है, इसलिए वे WFI चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकते।

इसके बाद रिटर्निंग अफसर ने हरियाणा एमैच्योर रेसलिंग एसोसिएशन के पक्ष में फैसला दिया। जिसके बाद उन्होंने इस फैसले को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चैलेंज किया। जिसमें उन्होंने कहा कि हरियाणा एमैच्योर रेसलिंग एसोसिएशन WFI से मान्यता प्राप्त हो सकती है लेकिन ये हरियाणा ओलिंपिक एसोसिएशन से एफिलिएटेड नहीं है। इसका मतलब यह है कि यह संगठन WFI के चुनावों में हिस्सा नहीं ले सकता।

एडवोकेट मलिक ने हाईकोर्ट में दलील दी कि अगर हरियाणा एमैच्योर रेसलिंग एसोसिएशन को WFI चुनावों में हिस्सा लेने दिया जाता है तो इससे WFI के चुनाव अवैध हो जाएंगे। जिसके बाद हाईकोर्ट के जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने कहा कि प्राइमरी तौर पर ये लगता है कि हरियाणा एमैच्योर रेसलिंग एसोसिएशन वोट देने के लिए इलिजिबल नहीं है। जिसके बाद स्टे लगा दिया गया।

सोमवार को WFI के उम्मीदवारों की फाइनल लिस्ट जारी हुई थी। अध्यक्ष पद पर 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स की चैंपियन अनीता श्योराण और संजय सिंह के बीच टक्कर देखने को मिल सकती है। संजय सिंह को बृजभूषण का करीबी माना जाता है, जबकि अनीता श्योराण महिला पहलवानों के यौन शोषण के मामले में बृजभूषण के खिलाफ गवाह हैं।

भिवानी की रहने वाली अनीता श्योराण 12 अगस्त को होने वाले चुनाव में अकेली महिला उम्मीदवार थी। उन्हें खेल मंत्रालय और बृजभूषण के खिलाफ धरना देने वाले पहलवानों का समर्थन माना जा रहा है।