डब्लूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ पॉक्सो तथा यौन शोषण के आरोपों के तहत एफआईआर दर्ज, खिलाड़ियों ने कहा दिल्ली पुलिस पर विश्वास नहीं

नई दिल्ली। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष व भाजपा सासंद बृजभूषण शरण सिंह पर दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को दो एफआईआर दर्ज की हैं। पुलिस ने नाबालिग रेसलर से यौन शोषण के मामले में बृजभूषण पर पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। वहीं, दूसरा केस अन्य 6 महिला रेसलर्स से यौन शोषण के केस में दर्ज हुआ है।

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस ने डब्लूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ केस दर्ज करने पर सहमति जताई थी। 21 अप्रैल को एक नाबालिग समेत 7 महिला रेसलर्स ने बृजभूषण के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत की थी। केस ना दर्ज होने पर रेसलर्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

सुनवाई के दौरान रेसलर्स की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा- महिला रेसलर्स को सुरक्षा मुहैया कराई जाए और रिटायर्ड जज इस केस की निगरानी करें। इस दलील पर अदालत ने दिल्ली पुलिस को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पुलिस से अगले शुक्रवार तक हलफनामा दायर करने को कहा है। इसमें बताना होगा कि उसने क्या कदम उठाए। अगली सुनवाई 17 मई को होगी।

WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने शुक्रवार शाम न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। मैं कहीं भाग नहीं रहा हूं, मैं अपने घर में हूं। अब तक दिल्ली पुलिस ने मेरे खिलाफ केस दर्ज कर लिया होगा। मैं दिल्ली पुलिस का सहयोग करूंगा। सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा, मैं उसका पालन करूंगा।

इससे पहले बृजभूषण शरण ने कहा था कि अगर धरना दे रहे पहलवान इस्तीफे से मानेंगे, तो मैं दे दूंगा। मगर, अपराधी बनकर नहीं दूंगा। अब ये कहेंगे कि इनका कार्यकाल तो खत्म हो गया है, अब इस्तीफा से क्या होगा। अगर ये खिलाड़ी धरने से उठकर वापस घर जाएं, अपनी प्रैक्टिस करें तो मैं इस्तीफा भिजवा दूंगा।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद रेसलर्स ने मीडिया से बात की। बजरंग पूनिया ने कहा- बृजभूषण को तुरंत जेल में डाला जाए। जब तक उन्हें जेल में नहीं डाला जाएगा, तब तक हम यहां से नहीं उठेंगे। वे कह रहे हैं कि खिलाड़ियों ने कोई सबूत नहीं दिया। अगर सबूत नहीं दिया होता तो सुप्रीम कोर्ट FIR का आदेश नहीं देता।

विनेश फोगाट बोलीं- FIR पहले दिन ही होनी चाहिए थी। सिर्फ FIR से कुछ होने वाला नहीं है। बृजभूषण पर पहले से 85 से ज्यादा FIR हैं। उनको पदों से हटाकर जेल में डालना होगा। हम अब किसी कमेटी या दिल्ली पुलिस को कोई सबूत नहीं देंगे। हम कोर्ट में ही सबूत देंगे।

राधिका श्रीमन कहती हैं कि एक लड़की ने ही सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकायत की है। अगर ऐसा है तो उस एक लड़की की शिकायत पर भी केस दर्ज हो जाना चाहिए था। बृजभूषण को सभी पदों से तत्काल प्रभाव से हटाया जाए, क्योंकि वे अपने पदों का दुरुपयोग कर सकते हैं। यह लड़ाई बृजभूषण को सजा दिलाने की है।

साक्षी मलिक ने कहा हमें दिल्ली पुलिस पर भरोसा नहीं है। अभी भी सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद केस दर्ज हुआ है। हम दिल्ली पुलिस को भी कॉपरेट कर देंगे, मगर हमारी सुनवाई होनी चाहिए। हमारे साथ धरने पर बड़े बुजुर्ग भी शामिल हैं, अब सभी की सहमति से ही धरने को खत्म या आगे बढ़ाने का फैसला लिया जाएगा।