दुर्ग (छत्तीसगढ़)। खुशी व उल्लास के पर्व दीपावली के मद्देनजर एनएसएस बीआईटी दुर्ग की इकाई ने अनुकरणीय कार्य किया है। एनएसएस के छात्र-छात्राओं ने बौद्धिक रुप से अक्षम स्नेह संपदा के बच्चों को खुशियां देने आर्थिक सहयोग प्रदान किया है। इसके लिए उन्होंने दीयों की बिक्री कर 13 हजार रुपए की रकम जुटाई है। यह राशि स्नेह संपदा संस्था को बच्चों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने प्रदान की जाएगी।
बीआईटी एनएसएस इकाई द्वारा स्नेह संपदा संस्था के साथ मिलकर संस्था के बच्चों को दिवाली की खुशियाँ देने के उद्देश्य से सहयोग निधि जमा करने का बीड़ा उठाया। बता दें कि स्नेह संपदा संस्था एक ऐसी संस्था है जहां बौद्धिक रूप से असक्षम बच्चों का पालन पोषण किया जाता है। दीपावली पर केंद्रित भाव से आयोजन में दीया सजाना और उसे बेचने का कार्य किया गया। तीन दिन के इस आयोजन में दो दिन दीयों का सजाने का कार्य हुआ और अंतिम दिन बीआईटी दुर्ग परिसर में स्टॉल लगाकर उन दीयों को बेचने का सफल कार्य हुआ।
स्नेह संपदा के बच्चों एवं एनएसएस बीआईटी दुर्ग के स्वयंसेवकों ने दीयों को सजाया। दीयों को सजाते हुए उन बच्चों के चेहरे पर आई खुशी अनमोल थी। दो दिन में बच्चों और स्वयंसेवकों ने एक हज़ार से ज्यादा दीये सजाए। एनएसएस बीआईटी दुर्ग के १०० से अधिक स्वयं सेवकों ने अपना पूरा योगदान दिया। 20 अक्टूबर को बीआईटी दुर्ग परिसर में इन खुशियों से भरे दीयों को स्टॉल लगा कर बेचा गया। बीआईटी के डायरेक्टर डॉ अरुण अरोरा, प्राचार्य डॉ. एम के गुप्ता, उप प्राचार्य डॉ. मनीषा शर्मा ने फीता काट कर स्टॉल का कार्यक्रम शुरू किया। इस दौरान बीआईटी दुर्ग का समस्त स्टाफ भी उपस्थित था। साथ ही उसने संपदा के स्टाफ भी मौजूद रहे। स्टॉल में डोनेशन बॉक्स के साथ क्यूआर कोड की भी सुविधा उपलब्ध थी। आयोजन की सफलता उन बच्चों की मुस्कान में झलकती है।
बच्चों द्वारा सुसज्जित को खरीदने के लिए एवं इस फंडरेजिंग इवेंट में दान करने के लिए कॉलेज सभी छात्र फैकल्टी और स्टाफ भारी संख्या में पहुंचे। इस कार्यक्रम से एनएसएस बीआईटी दुर्ग ने बहुमूल्य ₹13000 जमा किए जो संपदा के बच्चों के लिए दान किए जाएंगे। आयोजन एनएसएस बीआईटी दुर्ग के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शबाना नाज़ सिद्धीकी और अभिजीत लाल के निर्देशन में किया गया। जिसमें एनएसएस बीआईटी दुर्ग के स्वयंसेवको ने पूरे उत्साह के साथ इस आयोजन में अपना योगदान दिया।