📌 व्हाट्सऐप चैट से खुला घोटाले का काला सच
Chhattisgarh Coal Liquor Scam की जांच में सामने आए डिजिटल सबूतों ने एक बड़े और संगठित सिंडिकेट की परतें खोल दी हैं। कोयला और शराब—दोनों घोटालों में व्हाट्सऐप चैट, ग्रुप और कोडवर्ड का इस्तेमाल कर अवैध वसूली, फाइल मूवमेंट और लेनदेन को अंजाम दिया गया।
चार्जशीट के अनुसार यह घोटाला केवल पैसों का नहीं, बल्कि सत्ता और सिस्टम के भीतर गहरे तक फैले नेटवर्क की कहानी है।
💬 कोडवर्ड में चलता था पूरा खेल
जांच एजेंसियों के मुताबिक, शराब घोटाले में तथाकथित ‘बिग बॉस ग्रुप’ के जरिए बातचीत होती थी।
- ‘बिट्टू’ = चैतन्य बघेल
- ‘सामान’ = कैश
वहीं, कोयला घोटाले में पाल, दुर्ग, वीकली, टावर और जुगनू जैसे व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए गए थे। इन ग्रुप्स में सीधे पैसे का जिक्र नहीं होता था।
- ‘गिरा’ या ‘इन’ का मतलब होता था—पैसा मिल चुका है
- रेत, मुरुम, ट्रिप, एडवांस और ओके जैसे शब्दों से लेनदेन की पुष्टि की जाती थी
🗂️ CMO तक फाइल मूवमेंट का दावा
चार्जशीट में सबसे अहम नाम जयदत्त कोसले उर्फ जय का सामने आया है। एजेंसियों का दावा है कि—
- जय मुख्यमंत्री कार्यालय और मुख्यमंत्री निवास से जुड़ी
अत्यंत महत्वपूर्ण फाइलों की आवाजाही करता था - फाइलों को सुरक्षित ले जाना और मुख्यमंत्री से हस्ताक्षर कराना
उसी के जरिए होता था
डिजिटल साक्ष्य और गवाहों के बयान जय की विशेष पहुंच और भरोसेमंद भूमिका को दर्शाते हैं।
🚗 सरकारी गाड़ियों से चलता था सिस्टम
जांच में यह भी सामने आया है कि—
- जय को CG-02 नंबर प्लेट की दो सरकारी गाड़ियां दी गई थीं
- इन गाड़ियों का इस्तेमाल फाइल मूवमेंट और कथित अवैध वसूली से जुड़े कार्यों में होता था
ईओडब्ल्यू और एसीबी के अनुसार जय, तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया के निर्देशों पर काम करता था।
💰 दो साल में 540 करोड़ की अवैध वसूली
एफआईआर और चार्जशीट के मुताबिक—
- जुलाई 2020 से जून 2022 के बीच
- कोयला लेवी सिंडिकेट ने करीब 540 करोड़ रुपये की अवैध वसूली की
कोयला वॉशरी संचालकों से—
- 100 रुपये प्रति टन
- परिवहन के नाम पर 25 रुपये प्रति टन
अलग-अलग वसूले जाते थे, यानी दोहरी वसूली की जा रही थी।
📊 253 करोड़ से अधिक की ठोस रकम के सबूत
चार्जशीट में दावा किया गया है कि—
- ₹253,02,26,525 की अवैध वसूली के
ठोस डिजिटल और दस्तावेजी साक्ष्य मौजूद हैं
इस रकम से—
- अचल संपत्तियां खरीदी गईं
- फर्जी लोन और कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स के जरिए
काले धन को सफेद करने की कोशिश हुई
🧠 तिवारी के निर्देश पर चलता था नेटवर्क
जांच एजेंसियों का कहना है कि मुख्य आरोपी
सूर्यकांत तिवारी के निर्देश पर—
- दलालों और ट्रांसपोर्टरों के जरिए
अवैध लेवी इकट्ठा की जाती थी - फिर हवाला जैसे माध्यमों से रकम खपाई जाती थी
खनिज विभाग के अधिकारियों और अन्य प्रभावशाली लोगों की भूमिका का भी चार्जशीट में उल्लेख है।
🚔 35 से ज्यादा आरोपी, 222 करोड़ की संपत्ति जब्त
अब तक—
- 35 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया गया
- 15 से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं
- 222 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की गई
गिरफ्तार आरोपियों में निलंबित आईएएस अधिकारी, कारोबारी और सिंडिकेट के प्रमुख चेहरे शामिल हैं।
Chhattisgarh Coal Liquor Scam केवल आर्थिक घोटाला नहीं, बल्कि सत्ता, सिस्टम और भरोसे की उस श्रृंखला की कहानी है, जो कथित तौर पर वर्षों तक बिना रुकावट चलती रही। अब बड़ा सवाल यही है कि क्या व्हाट्सऐप चैट और डिजिटल सबूत अदालत में इस पूरे नेटवर्क को बेनकाब कर पाएंगे, या मामला लंबी कानूनी लड़ाई में उलझ जाएगा।
