रायपुर (छत्तीसगढ़)। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा है कि सैनिकों के कल्याण के लिए हम जितना कार्य करेंगे, उतना ही देश की सुरक्षा मजबूत होगी। हम सबका नैतिक दायित्व भी है कि सैनिकों के साथ हर परिस्थिति में खड़े रहें। जब हम उनके सुख-दुख में भागीदार होते हैं तो उन्हें भी हार्दिक प्रसन्नता होती है। राज्यपाल आज शनिवार को राजभवन में शहीद सैनिकों के परिजन और प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। इस अवसर पर राज्यपाल ने 27 शहीदों की पत्नियों ”वीर नारीÓÓ उनकी वीर माता और उनके उत्तराधिकारियों को सादगीपूर्ण कार्यक्रम में सम्मानित किया और डेढ़ लाख रूपये की अनुदान राशि भी दी।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे देश के सैनिक दिन-रात देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं और वे अपने प्राणों की भी परवाह नहीं करते। पूरा देश जब त्यौहार-पर्व मनाता है, तब हमारे सैनिक अपने परिवार से दूर देश की सीमाओं में तैनात रहते हैं। देश आजाद होने के पश्चात कई परिस्थितियां निर्मित हुई, पर हमेशा हमारी सेना ने देश के दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया और देश को सुरक्षित रखा। हम आज जो शांति से रह पा रहे हैं और त्यौहार और पर्व का आनंद ले रहे हैं, यह सैनिकों के कारण ही संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि हम सबका कत्र्तव्य है कि सैनिकों के परिवारों की चिंता करें और उनका ध्यान रखें। यदि सैनिक सेवानिवृत्त होने के पश्चात हमारे बीच आते हैं तो उनके और उनकी परिवार की हरसंभव मदद करें। साथ ही शहीदों के परिवारों का सम्मान करें और उनकी तकलीफों को दूर करने की कोशिश करें। इससे सैनिकों का मनोबल बढ़ेगा और सेना में इन परिवारों के साथ-साथ समाज में अन्य लोगों को राष्ट्र की सेवा करने की प्रेरणा मिलेगी।
इस अवसर पर सैनिको के परिजनों ने अपनी समस्याएं बताई। उन्होंने शहीद स्मारक बनाने की भी मांग की। राज्यपाल ने एक परिजन की सुपुत्री के विवाह के लिए 1 लाख रूपये देने की घोषणा की। साथ ही स्मारक बनाने के लिए शासन स्तर पर चर्चा करने की बात कहीं और उनके अन्य समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव सोनमणि बोरा, संचालनालय सैनिक कल्याण के एयर कमोडोर ए.एन. कुलकर्णी और राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड के अन्य अधिकारी, भूतपूर्व सैनिक तथा सैनिकों के परिजन उपस्थित थे।