रायपुर, 05 जून 2025।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य की जनता को उनके घर के समीप बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दवाइयों की उपलब्धता अंतिम व्यक्ति तक सुनिश्चित की जाए और आयुष चिकित्सा पद्धति के जरिए उपचार को और अधिक विस्तार दिया जाए, ताकि राज्य के हर नागरिक को समुचित स्वास्थ्य सेवा मिल सके।
मुख्यमंत्री मंत्रालय में स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने एनीमिया, मातृ स्वास्थ्य (मैटरनल प्रोग्राम) और कुष्ठ रोग (लेप्रोसी) पर प्राथमिकता के साथ काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि ये सभी गंभीर जनस्वास्थ्य मुद्दे हैं जिन पर समयबद्ध और प्रभावी कार्रवाई आवश्यक है।
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बैठक में जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) कार्यक्रम में देशभर में पांचवां स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का लगातार विस्तार किया जाएगा। मंत्री ने राज्य सरकार के गठन के बाद की गई स्वास्थ्य उपलब्धियों को साझा करते हुए भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा भी प्रस्तुत की।
स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री अमित कटारिया ने बताया कि टीबी और मलेरिया उन्मूलन की दिशा में छत्तीसगढ़ ने उल्लेखनीय कार्य किया है। टीबी के इलाज में सफलता दर 90 प्रतिशत तक पहुंच गई है और सभी मामलों का शत-प्रतिशत नोटिफिकेशन किया गया है। इसके अलावा, टीकाकरण अभियान में भी राज्य ने मार्च 2025 तक 94 प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है।
इस समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत व श्री मुकेश बंसल, आयुष विभाग की आयुक्त श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी, एनएचएम की प्रबंध संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला, खाद्य एवं औषधि विभाग के नियंत्रक श्री दीपक अग्रवाल सहित स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल इलाज कराना नहीं, बल्कि समग्र और सुलभ स्वास्थ्य प्रणाली तैयार करना है, जिससे प्रदेश का हर नागरिक स्वस्थ और सुरक्षित जीवन जी सके।
