नई दिल्ली, 24 अप्रैल। पहालगाम (जम्मू-कश्मीर) में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत के बाद केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ अब तक का सबसे सख्त रुख अपनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) की बैठक में पाकिस्तान को जवाब देने के लिए पांच बड़े कदमों का ऐलान किया गया।
PM मोदी ने दिया कड़ा संदेश
बिहार दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी ने इस हमले को लेकर अपनी पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया में कहा, “भारत की आत्मा आतंकवाद से कभी नहीं डगमगाएगी। आतंकवादियों और उनके सरगनाओं को ऐसी सज़ा दी जाएगी जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी।”

पांच बड़े कदमों में शामिल हैं:
- 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है, जो तब तक लागू नहीं होगी जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता।
- पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों को भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है और भारत भी अपने सैन्य सलाहकारों को इस्लामाबाद से वापस बुला रहा है।
- अटारी बॉर्डर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
- दोनों देशों के उच्चायोगों में कूटनीतिक स्टाफ की संख्या घटाकर 30 की जाएगी (वर्तमान संख्या 55)।
- SAARC वीजा छूट योजना के अंतर्गत भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने को कहा गया है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और संवेदना
कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस हमले के कारण अपनी अमेरिका यात्रा बीच में छोड़ दी और भारत लौट आए। पीएम मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अपनी अंतरराष्ट्रीय यात्राएं रद्द कर दीं।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा बैठक की और गृहमंत्री अमित शाह के निर्देशों को तत्काल लागू करने की बात कही।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि आतंकियों और पाकिस्तान के बीच संबंधों की जानकारी CCS को दी गई, जिसके बाद ये कड़े कदम उठाए गए।
जनता और शहीदों के परिजनों की मांग है कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर सख्त सजा दी जाए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
