संजीव सान्याल ने अमेरिकी फंडिंग पर उठाए सवाल, USAID को बताया ‘सबसे बड़ा घोटाला’

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के सदस्य संजीव सान्याल ने अमेरिकी सरकार के एक विभाग DOGE (Department of Government Efficiency) द्वारा भारत, बांग्लादेश और नेपाल में फंडिंग को लेकर किए गए दावों पर सवाल उठाए हैं।

अमेरिकी फंडिंग का दावा

अमेरिकी विभाग DOGE ने हाल ही में दावा किया था कि उसने भारत में मतदाता भागीदारी बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर (करीब 175 करोड़ रुपये) और बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य को मजबूत करने के लिए 29 मिलियन डॉलर (करीब 240 करोड़ रुपये) की सहायता रद्द कर दी है। साथ ही, नेपाल में वित्तीय संघवाद को सुधारने के लिए भी 29 मिलियन डॉलर की फंडिंग बंद करने की बात कही गई।

संजय सान्याल का तंज

इस दावे पर सवाल उठाते हुए संजीव सान्याल ने रविवार को X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा,
“जानना चाहूंगा कि भारत में ‘मतदाता भागीदारी बढ़ाने’ के लिए खर्च किए गए 21 मिलियन डॉलर और बांग्लादेश में ‘राजनीतिक परिदृश्य मजबूत करने’ के लिए खर्च हुए 29 मिलियन डॉलर किसने लिए। इसके अलावा, नेपाल में ‘वित्तीय संघवाद’ सुधारने के लिए खर्च किए गए 29 मिलियन डॉलर का क्या हुआ? USAID मानव इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है।”

USAID की भूमिका पर सवाल

सान्याल का यह बयान अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) की पारदर्शिता और मंशा पर गंभीर सवाल उठाता है। USAID कई देशों में लोकतंत्र, मानवाधिकार और प्रशासनिक सुधारों के नाम पर फंडिंग करता है, लेकिन इसकी भूमिका को लेकर समय-समय पर विवाद उठते रहे हैं

भारत की प्रतिक्रिया

अब तक भारत सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन संजीव सान्याल का यह सवाल चुनावी प्रक्रिया में विदेशी हस्तक्षेप और फंडिंग की पारदर्शिता को लेकर बहस छेड़ सकता है

निष्कर्ष

भारत में चुनावी प्रक्रिया को स्वतंत्र और निष्पक्ष माना जाता है, ऐसे में अमेरिकी फंडिंग को लेकर उठे सवालों से राजनीतिक और कूटनीतिक बहस तेज हो सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत सरकार और अमेरिका इस मामले पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं